नई दिल्ली: संसद में सवालों के बदले कैश और गिफ्ट लेने का आरोप झेल रही टीएमसी सांसद मोहुआ मोइत्रा के मुद्दे पर आज शाम 4 बजे एथिक्स कमेटी की बैठक होगी. इस बैठक में रिपोर्ट के मसौदे पर चर्चा के बाद इसे अपनाये जाने की संभावना है. रिपोर्ट में समिति ने मोहुआ मोइत्रा को लोकसभा की सदस्यता से निष्कासित करने, कड़ी सजा देने और मनी ट्रेल की जांच भारत सरकार की किसी एजेंसी से कराने की सिफारिश की है.एथिक्स कमेटी की संरचना के मुताबिक एनडीए के पास बहुमत है. समिति में अध्यक्ष सहित कुल 15 सदस्य हैं, जिनका दल वार विवरण इस प्रकार है।
विनोद सोनकर
सुनीता दुग्गल
विष्णु दत्त शर्मा
राजदीप रॉय
सुमेधानंद सरस्वती
सुभाष भामरे
अपराजिता सारंगी
बाकी सदस्य इन पार्टियों से हैं
हेमंत तुकाराम गोडसे- शिवसेना
दानिश अली – बसपा
गिरिधारी यादव – जदयू
पी आर नटराजन – सीपीएम
बालाशोरि वल्लभनेनी – वाईएसआर कांग्रेस
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कांग्रेस के उत्तम कुमार रेड्डी और भाजपा की सुनीता दुग्गल के आचार समिति की बैठक में शामिल होने की संभावना नहीं है क्योंकि उत्तम रेड्डी को तेलंगाना में विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करना है जबकि सुनीता दुग्गल के परिवार में एक मृत्यु हो गई है।
प्रणीत कौर और वल्लभनेनी के आने को लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है. प्रणीत कौर के पति कैप्टन अमरिंदर सिंह वैसे भी बीजेपी में हैं.
जाहिर है कि अगर आज की बैठक में रिपोर्ट को मंजूरी देने को लेकर मत विभाजन होता है तो बहुमत स्पष्ट तौर पर रिपोर्ट के पक्ष में सदस्यों के साथ है क्योंकि शिंदे सेना के हेमंत गोडसे सत्ता पक्ष और वाईएसआर कांग्रेस के सदस्यों का समर्थन करेंगे. इसके होने या न होने दोनों से ही सत्ताधारी दल को फायदा होगा.
अभी तक की जानकारी के मुताबिक, उत्तम कुमार रेड्डी, वैथिलिंगम वे, दानिश अली, गिरधारी यादव और पी आर नटराजन असहमति का नोट दे सकते हैं, जिसे कमेटी की रिपोर्ट का हिस्सा ही माना जाएगा.
हालांकि, अभी तक यह साफ नहीं है कि कांग्रेस सांसद प्रणीत कौर कोई असहमति नोट देंगी या नहीं. अगर वह असहमति का नोट नहीं देती हैं तो इसका मतलब यह होगा कि उन्होंने अपनी पार्टी का समर्थन नहीं किया है.
गौरतलब है कि 2 नवंबर को समिति की बैठक में मोहुआ मोइत्रा की पेशी के बाद कहा गया था कि अब किसी अन्य व्यक्ति को पेशी के लिए नहीं बुलाया जाएगा और रिपोर्ट को मंजूरी देने की प्रक्रिया अगली बैठक में होगी.
रिपोर्ट को मंजूरी मिलने के बाद समिति अपनी रिपोर्ट लोकसभा अध्यक्ष को सौंपेगी.
संसद सत्र शुरू होने पर इस रिपोर्ट पर लोकसभा में प्रस्ताव रखा जाएगा, जिसे सदन के नेता, सदन के उपनेता या संसदीय कार्य मंत्री पेश करेंगे. प्रस्ताव पेश होने के बाद लोकसभा अध्यक्ष रिपोर्ट पर सदन की राय लेंगे. सदन में आचार समिति की रिपोर्ट पर आधे घंटे तक चर्चा का भी प्रावधान है.
अगर लोकसभा इस रिपोर्ट को स्वीकार कर लेती है तो मोहुआ मोइत्रा अपनी लोकसभा सदस्यता खो देंगी.
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