Mahua Moitra Case Explained : महुआ मोइत्रा के वकील ने छोड़ा केस; मामले को बाहर सेटल करने की हुई कोशिश

 नई दिल्लीः टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा की मुश्किलें दिन पर दिन बढ़ती ही जा रही हैं। सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहाद्राई ने महुआ मोइत्रा के वकील पर सेटलमेंट करने का आरोप लगाया है। अनंत देहाद्राई ने कोर्ट में कहा है कि माेइत्रा के वकील गोपाल शंकरनारायणन ने गुरूवार की रात उन्हें कॉल कर […]

Advertisement
Mahua Moitra Case Explained : महुआ मोइत्रा के वकील ने छोड़ा केस; मामले को बाहर सेटल करने की हुई कोशिश

Sachin Kumar

  • October 20, 2023 7:42 pm Asia/KolkataIST, Updated 1 year ago

 नई दिल्लीः टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा की मुश्किलें दिन पर दिन बढ़ती ही जा रही हैं। सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहाद्राई ने महुआ मोइत्रा के वकील पर सेटलमेंट करने का आरोप लगाया है। अनंत देहाद्राई ने कोर्ट में कहा है कि माेइत्रा के वकील गोपाल शंकरनारायणन ने गुरूवार की रात उन्हें कॉल कर पूछा की क्या ये मामला कोर्ट के बाहर सुलझाया जा सकता है। इसके बाद वकील गोपाल शंकरनारायणन केस से पीछे हट गए हैं।

 

क्या है केस?

दरअसल महुआ ने भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहाद्राई के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था, जिसकी दिल्ली हाईकोर्ट में आज सुनवाई हुई। इस दौरान वकील जय अनंत देहाद्राई ने जज के सामने कहा कि महुआ के वकील गोपाल शंकरनारायणन ने मुझे गुरुवार रात को फोन किया था। उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या बाहर समझौता हो सकता है? देहाद्राई ने ये भी दावा किया कि उनके पास उनके और शंकर नारायणन के बीच हुई बातचीत की रिकॉर्डिंग है।

जब कोर्ट ने शंकर नारायणन से इस बारे में सवाल किया तो उनका कहना था कि वह देहाद्राई को पहले से जानते हैं और उन्होंने इस मामले में सुलह के लिए देहाद्राई से बात करने की अनुमति मांगी थी।

जस्टिस सचिन दत्ता ने इस पर कहा कि वह हैरान हैं कि वकील शंकरनारायणन ने मीडिएटर की भूमिका निभाने की कोशिश की है। ऐसे में वो अब इस मामले में वकील के रूप में कैसे कोर्ट में पेश हो सकते हैं। इसके बाद वकील गोपाल शंकर नारायणन मामले की सुनवाई से हट गए।

बता दें कि महुआ मोइत्रा ने कोर्ट से मीडिया हाउस और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उनके खिलाफ अपमानजनक सामग्री पोस्ट करने और प्रसारित करने पर भी रोक लगाने की मांग की है। कोर्ट में अब इस मामले की सुनवाई 31 अक्तूबर को होगी।

 

मोइत्रा पर पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने का आरोप

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने 15 अक्टूबर को लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला को चिट्ठी लिखी थी। इसमें निशिकांत ने महुआ पर पैसे लेकर अडानी ग्रुप से सम्बंधित सवाल पूछने के आरोप लगाए थे और कहा था कि महुआ ने इसके लिए दर्शन हीरानंदानी से पैसे और तोहफे लिए हैं। निशिकांत का पत्र मिलने के बाद स्पीकर ने इसे संसद की आचार समिति के पास भेज दिया और तभी से ये पूरा मामला सुर्खियों में है।

महुआ मोइत्रा के कभी दोस्त थे अनंत देहाद्राई

सुप्रीम कोर्ट के वकील जय अनंत देहाद्राई, जो कभी महुआ मोइत्रा के दोस्त हुआ करते थे, आज उनकी मुश्किलों का सबसे बड़े कारण हैं। अनंत ही वो शख्स है जिन्होंने सीबीआई में मोइत्रा के खिलाफ सबूत देकर शिकायत दर्ज कराई।

इसके बाद यही सबूत भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने पेश कर संसद में शिकायत दर्ज कराई है। वहीं मोइत्रा ने भी आपराधिक अतिक्रमण, चोरी, अश्लील संदेश और दुर्व्यवहार के लिए देहाद्राई के खिलाफ पुलिस में शिकायत की थी।

बता दें कि महुआ और जय अनंत के बीच तीन साल के रॉटवीलर ब्रीड के कुत्ते ‘हेनरी’ की कस्टडी को लेकर भी विवाद चल रहा है। ये कुत्ता इस समय महुआ के पास है और जय अनंत इस कुत्ते की कस्टडी चाहते हैं।

देहाद्राई ने 20 अक्टूबर को ये भी आरोप लगाया है कि महुआ ने उनसे कहा है कि वे हेनरी को उन्हें लौटा देंगी, अगर वह सीबीआई में की गई अपनी शिकायत वापस ले लेते हैं।

दर्शन हीरानंदानी का पक्ष

इस पूरी कहानी के एक अहम् किरदार दर्शन हीरानंदानी भी है। महुआ मोइत्रा पर दर्शन से ही पैसे लेने के आरोप हैं। दर्शन मुंबई बेस्ड रियल एस्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी हीरानंदानी ग्रुप के CEO हैं। हीरानंदानी ग्रुप अडानी ग्रुप का प्रतिद्वद्वी है। दर्शन हीरानंदानी शुरू से ही इस पूरे मामले पर नजर रखे हुए थे।

एक दिन पहले ही दर्शन ने एक एफिडेविट के जरिए कहा है की महुआ मोइत्रा के साथ उनकी दोस्ती थी और महुआ ने उनके साथ अपनी संसद की ईमेल आईडी शेयर कर रखी थी, जिससे वो खुद भी महुआ के लिए सवाल पोस्ट कर दिया करते थे। इस एफिडेविट में दर्शन ने और भी कई बड़े खुलासे किये हैं।

इस एफिडेविट के सामने आने पर महुआ मोइत्रा ने भी इसपर अपनी प्रतिक्रिया दी है। महुआ का कहना है की ये एफिडेविट मीडिया के हाथ कैसे लग गया है।

जबकि लोकसभा के नियम के अनुसार जब कोई भी सबूत कमेटी के सामने रखे जाते हैं तो कमेटी मेंबर या कोई और व्यक्ति उन्हें पब्लिश नहीं कर सकता। चेयरमैन को इसकी इंक्वायरी करानी चाहिए। महुआ ने आगे कहा की ये सब भाजपा का एजेंडा है ताकि उन्हें लोकसभा से बाहर कर दिया जाए और वो अडानी पर सवाल न उठा सकें।

Advertisement