नई दिल्ली: हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल जेष्ठ मास की नवमी तिथि को महेश नवमी मनाई जाती है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विधिवत पूजा की जाती है और भगवान से सभी की खुशहाली की कामना की जाती है। ऐसी मान्यताएं हैं कि भगवान शिव के आशीर्वाद से इसी दिन माहेश्वरी […]
नई दिल्ली: हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल जेष्ठ मास की नवमी तिथि को महेश नवमी मनाई जाती है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विधिवत पूजा की जाती है और भगवान से सभी की खुशहाली की कामना की जाती है। ऐसी मान्यताएं हैं कि भगवान शिव के आशीर्वाद से इसी दिन माहेश्वरी समाज की उत्पत्ति हुई थी और तभी से ही इस समाज के लोग धूमधाम से महेश नवमी मनाते आए हैं। इस साल महेश नवमी गुरुवार यानी 9 जून को मनाई जाएगी।
इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विधिवत पूजा की जाती है। सवेरे सवेरे स्नान करने के बाद भोलेनाथ का अभिषेक किया जाता है। भगवान शिव को गंगाजल, धतूरा, पुष्प और बेलपत्र आदि अर्पित किया जाता है। भगवान शिव के साथ माता पार्वती की पूजा करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। यदि पूजा के दौरान आप शिव के मंत्र का जाप करते हैं तो आपको अच्छी सेहत और जीवन में खुशाली प्राप्त होती है।
पौराणिक कथाओं के अनुसार माहेश्वरी समाज के पूर्वज क्षत्रिय वंश के थे। एक बार जब वे शिकार पर निकले तो ऋषि-मुनियों ने उन्हें श्राप दे दिया। तब भगवान शिव ने साक्षात प्रकट होकर उन्हें श्राप से मुक्त कराया। इसके बाद माहेश्वरी समाज ने हिंसा का रास्ता त्याग कर अहिंसा का मार्ग अपनाया था। यही कारण है कि इस समुदाय के लोग हर साल धूमधाम से महेश नवमी मनाते हैं।
1 ॐ नमः शिवाय।
2 नमो नीलकण्ठाय।
3 ॐ पार्वतीपतये नमः।
4 ॐ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय।
5 ॐ नमो भगवते दक्षिणामूर्त्तये मह्यं मेधा प्रयच्छ स्वाहा।
6 ऊर्ध्व भू फट्।
7 इं क्षं मं औं अं।
8 प्रौं ह्रीं ठः।
Source- गूगल
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