Mahatma Gandhi Tableau:70वें गणतंत्र दिवस पर दिल्ली से लेकर अलग-अलग राज्यों में महात्मा गांधी के जिवन के आधार पर झांकी निकाली गई. कुल 22 झांकिया थी जिसमें उनके जिवन के कुछ पन्नो को पलटा गया. लेकिन इन सब के बीच चर्चा मोदी सरकार की हो रही क्योंकि ये मोदी सरकार के कार्यकाल का आखिरि गणतंत्र दिवस माना जा रहा है.
नई दिल्ली. देश आज 70वां गणतंत्र दिवस मना रहा है. लेकिन चर्चा यहां मोदी सराकार की हो रही है. क्योंकि लोकसभा चुनाव से पहले या यूं कहे कि इस कार्यकाल में मोदी सरकार का आखिरी गणतंत्र दिवस है. लेकिन भले ही मोदी सरकार को लेकर ऐसी टिप्पणी कर रहे हों लेकिन इस गणतंत्र दिवस पर मोदी से ज्यादा किसी और का ही जलवा दिखा. वो कोई और नहीं हमारे देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी थे. दरअसल, दिल्ली में गणतंत्र दिवस समारोह में 16 राज्यों की झांकी निकाली जिसमें महात्मा गांधी के आधार पर सारी झांकिया निकाली गई थी. जिसके बाद 4 मंत्रालयों और उनके विभागों ने भी गांधी जी को ध्यान में रखकर ही अपनी झाकी तैयार की. इन झाकियों को गांधी जी के जिवन के आधार पर तैयार किया गया था. पूरे 22 झांकियों में महात्मा गांधी ही दिखे.
दिल्ली की झांकी को बिरला भवन में गांधी जी के 144 दिन बिताए जाने के आधार पर बनाया गया. वहीं कर्नाटक के झांकी को बेलगांव में पहली और आखिरी बार गांधीजी 1924 में कांग्रेस अध्यक्ष बने थे उस थीम पर बनाया गया. रेल मंत्रालय ने अपनी झांकी में साउथ अफ्रीका में ट्रेन से जबरन उतारे जाने की घटना को याद करते हुआ बनाया गया था. ये घटना शायद सबको याद हो जब काला रंग होने के वजह से गोरो ने गांधी जी को ट्रेन से बाहर फेक दिया था. उत्तराखंड,की झांकी में गांधी जी मूर्तियां बनाई गई. जम्मू कश्मीर, उत्तरप्रदेश और तमिलनाडु समेत कई राज्यों की झांकियों में गांधीजी की मूर्तियां दिखीं. वहीं आईसीएआर की झांकी भी गांधीजी की मूर्ति और गाय- बकरी की मूर्तियों के साथ दिखी.
तमिलनाडु की झांकी में महात्मा गांधी की खूबसूरत मूर्तियों का प्रदर्शन किया गया.
पश्चिम बंगाल की झांकी में बापू के साथ रविंद्रनाथ टैगोर बैठे नजर आ रहे हैं.
भारतीय रेल ने अपनी झांकी में साउथ अफ्रीका में महात्मा गांधी को जबरन उतारे जाने की घटना को दर्शाया है
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त्रिपुरा में गांधी जी के मूर्तियों का बेहतरीन प्रदर्शन किया गया.
जम्मु-कश्मीर की झांकी में एक पेड़ के नीचे चरखा कातते बापू .