Mahatma Gandhi Peace Prize: गांधी शांति पुरस्कार की शुरूआत सन् 1995 में भारत सरकार ने महात्मा गांधी के 125वीं जयंती के अवसर पर किया था. इस बार यह पुरस्कार 2015 से 2018 के बीच विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली संस्थाओं को दिया गया है.
नई दिल्ली: गांधी शांति पुरस्कार की घोषणा बुधवार को कर दी गई. यह पुरस्कार 2015 से 2018 के बीच विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली संस्थाओं को दिया गया है. गांधी शांति पुरस्कार की शुरूआत सन् 1995 में भारत सरकार ने महात्मा गांधी के 125वीं जयंती के अवसर पर किया था. जानिए विस्तृत जानकारी जिन्हें दिया गया शांति पुरस्कार-
विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी
विवेकानंद केंद्र स्वामी विवेकानंद के विचार का प्रचार-प्रसार करता है. यह हिंदू धर्म की एक अध्यात्मिक संस्था है. इसकी स्थापना एकनाथ रनाडे ने 1972 में किया था. यह संस्था समाजिक कार्य भी करती है. संस्था ग्रामीण क्षेत्रों मे कुपोषण को दूर करने के लिए अभियान भी चलाती है.
अक्षय पात्र संस्था
अक्षय पात्र संस्था एक प्राइवेट संस्था है. इसका गठन वर्ष 2000 में किया गया था. आज देश के 7 राज्यों में लगभग 12 लाख छात्रो को निशुल्क भोजन की व्यवस्था कराती है. इस संस्था की शुरूआत कर्नाटक के ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की मदद के लिए किया गया था. बाद मे सरकार की मदद से यह देश कई राज्यों में अपनी सेवाएं देने लगी.
सुलभ इंटरनेशल
सुलभ इंटरनेशनल की स्थापना 1974 में बिन्देश्वर पाठक ने बिहार में की थी. देश भर में यह संस्था सुलभ शौचालय के रूप में जानी है. देश भर में इसके की हजार शौचायल हैं. पर्यावरण प्रदुषण को कम करने के लिए बिन्देश्वर पाठक ने इसकी स्थापना की थी. यह संस्था पर्यावरण स्वच्छता के अलावा सामाजिक सुधार और मानवाधिकार के क्षेत्र में भी काम करती है.
एकल अभियान ट्रस्ट
एकल अभियान ट्रस्ट की स्थापना वर्ष 1986 में की गई. यह संस्था आदिवासी और ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के लिए काम करती है. यह संस्था आदिवासी इलाके में लोगों को शिक्षित करने के अलावा उन्हें चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराती है.
निप्पोन फाउंडेशन के अध्यक्ष योही सासाकावा
स्पेन के बार्सिलोना स्थित निप्पोन फाउंडेशन के अध्यक्ष योही सासाकावा कुष्ठा रोगियों को लेकर समाज में भेदभाव खत्म करने का काम करते हैं. इनकी संस्था निप्पोन फाउंडेशन कुष्ठ रोगियो को निशुल्क चिकित्सकीय सुविधाएं उपलब्ध करती है. इस संस्था की माने तो इस अभियान में 171 देशों के सांसद जुड़ चुके हैं जो कुष्ठ रोगियों के खिलाफ भेदभाव खत्म करने के लिए काम करते हैं. निप्पोन फाउंडेशन जापान की एक प्राइवेट संस्था हैं. इसकी स्थापना 1962 में रियोची सासाकावा द्वारा की गई थी.