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आज के दिन ही महात्मा गांधी बने थे राष्ट्रपिता, जानिए क्यों और किसने दी ये उपाधि

नई दिल्ली, मोहन दास कर्म चंद गांधी उर्फ़ महात्मा गांधी! वो नाम जिसने अंग्रेजी शासन को हिला कर रख दिया. बापू, राष्ट्रपिता, या गाँधी जी, महात्मा गांधी के वैसे तो कई नाम हैं लेकिन बापू सबसे ज़्यादा लोकप्रिय है. ये बात भी सभी जानते हैं कि महात्मा गांधी को बापू कहा जाता है लेकिन बहुत […]

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आज के दिन ही महात्मा गांधी बने थे राष्ट्रपिता, जानिए क्यों और किसने दी ये उपाधि
  • July 6, 2022 6:09 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली, मोहन दास कर्म चंद गांधी उर्फ़ महात्मा गांधी! वो नाम जिसने अंग्रेजी शासन को हिला कर रख दिया. बापू, राष्ट्रपिता, या गाँधी जी, महात्मा गांधी के वैसे तो कई नाम हैं लेकिन बापू सबसे ज़्यादा लोकप्रिय है. ये बात भी सभी जानते हैं कि महात्मा गांधी को बापू कहा जाता है लेकिन बहुत कम लोग इस बात से वाकिफ हैं कि आखिर महात्मा गांधी को बापू की उपाधि काम और किसने दी?

ऐसे बनें गाँधी ‘राष्ट्रपिता’

बता दें, आज यानी 6 जुलाई के दिन ही महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता की उपाधि दी गई थी. उन्हें देश के पिता यानी राष्ट्रपिता के नाम से सराहा गया था. पर रातों रात तो कोई महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता नहीं कह सकता था. इस नाम के पीछे की क्या कहानी है आइये आपको बताते हैं. दरअसल महात्मा गांधी को पहली बार पिता की उपाधि देने वाली कोई और नहीं बल्कि सुभाष चंद्र बोस थे. उन्होंने ही पहली बार बापू को राष्ट्रपिता कहकर संबोधित किया था. वह दिन था 4 जून 1944 जब बोस ने सिंगापुर रेडिया से एक संदेश प्रसारित करते हुए ‘राष्ट्रपिता’ महात्मा गांधी कहा.

 

बोस और महात्मा में थे कई मतभेद

बताया ये जाता है कि नेताजी और महात्मा गांधी वैसे तो एक-दूसरे का भरपूर सम्मान करते थे, पर कई बार दोनों के बीच विचारों को लेकर मतभेद भी होते थे. महात्मा गांधी का यह विचार कि अहिंसा के रास्ते पर चलकर ही स्वतंत्रता पाई जा सकती है दोनों के बीच बड़ा मतभेद था. जहां सुभाष चंद्र बोस इस विचार से बिल्कुल भी सहमति नहीं रखते थे. नेताजी का मानना था कि अहिंसा केवल एक विचारधारा हो सकती है, पर इसका किसी पंथ की तरह पालन नहीं किया जाना चाहिए. हालांकि महात्मा गांधी कई बार अपने अहिंसा आंदोलन से अंग्रेज़ों के कई मोर्चे झुका चुके थे.

 

अधिकारिक तौर पर नहीं ‘राष्ट्रपिता’

भले ही आज महात्मा गांधी को ही देश का राष्ट्रपिता माना जाता हो लेकिन सच तो ये है कि भारत सरकार आधिकारिक तौर पर महात्मा गांधी को ‘राष्ट्रपिता’ घोषित नहीं कर सकती है. भले ही देश का हर नागरिक ये चाहता हो पर हमारा संविधान ऐसा करने की इज़ाज़त नहीं देता है. इस संबंध में गृह मंत्रालय ने लखनऊ की बाल आरटीआई कार्यकर्ता ऐश्वर्या पाराशर को दिए सूचना में कहा है कि सरकार महात्मा गांधी को ‘राष्ट्रपिता’ घोषित करने के संबंध में कोई अधिसूचना जारी नहीं कर सकती है.

 

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