मुंबई: महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के दोनों खेमों के बीच वार-पलटवार का दौरा जारी है. इस बीच अजित पवार गुट के राज्यसभा सांसद प्रफुल्ल पटेल ने गुरुवार (5 अक्बूटर) को बड़ा दावा किया. उन्होंने कहा कि पिछले साल जून में जब एकनाथ शिंदे ने शिवसेना से बगावत की थी, उस वक्त 51 एनसीपी विधायकों ने एक पत्र पर हस्ताक्षर कर पार्टी संस्थापक को बीजेपी के साथ गठबंधन करने का अनुरोध किया था.
एनसीपी सांसद प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि इस वक्त जो लोग शरद पवार के साथ है, उन्होंने पिछले साल एक पत्र पर हस्ताक्षर करके शरद पवार से भाजपा के साथ हाथ मिलाने का अनुरोध किया था. पटेल ने कहा कि जब एकनाथ शिंदे बगावत करके सूरत में थे और फिर गुवाहाटी गए, उस वक्त राज्य की तत्कालीन महाविकास आघाड़ी सरकार के करीब 15 मंत्री और एनसीपी के 51 विधायकों ने एक पत्र पर हस्ताक्षर कर शरद पवार से बीजेपी के साथ जाने का अनुरोध किया था.
इससे पहले महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में कहा कि शरद पवार हमेशा नई-नई बातें बताते रहते हैं. उन्होंने एक दिन ये बोला कि राष्ट्रपति शासन हटाना था इसलिए मैंने अघाड़ी सरकार के साथ जाने का फैसला किया. फडणवीस ने कहा कि मैं आपको उसकी सच्चाई बता रहा हूं. 2019 में राष्ट्रपति शासन को लगाने का आइडिया ही शरद पवार का था. उन्होंने ही कहा था कि देखो मैं इतने जल्दी यूटर्न नहीं ले सकता हूं, पहले आप राष्ट्रपति शासन लगाइए, इसके बाद मैं पूरे महाराष्ट्र का दौरा करूंगा और फिर मैं ये तय करूंगा कि महाराष्ट्र को स्थिर सरकार चाहिए, इसलिए हम भारतीय जनता पार्टी के साथ जा रहे हैं. फिर जब हमारी संख्या हो जाती है तो अपने आप ही राष्ट्रपति शासन हट जाएगा.
बता दें कि महाराष्ट्र की शिंदे-फडणवीस-अजित सरकार में खटपट की खबरें सामने आ रही हैं. बताया जा रहा है कि चाचा शरद पवार से बगावत कर भाजपा के साथ जाने वाले अजित पवार इस वक्त नाराज चल रहे हैं. नाराजगी की खबरों को हवा उस वक्त मिल गई जब मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में अजित पवार ने हिस्सा नहीं लिया. इस बीच कांग्रेस नेता संजय निरूपम ने बड़ा दावा किया है. उन्होंने कहा है कि भाजपा राज्य में सरकार चलाने की कमान अब अजित पवार के हाथों में दे सकती है.
Maharastra: देवेंद्र फडणवीस का दावा- शरद पवार का था 2019 में राष्ट्रपति शासन लगाने का आइडिया