मुंबई। महाराष्ट्र की राजनीति में इस वक्त काफी हलचल है। इसकी वजह है शुक्रवार को आया चुनाव आयोग का एक फैसला। EC ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे वाले गुट को शिवसेना पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न ‘धनुष बाण’ दे दिया। इस फैसले से उद्धव गुट को बड़ा झटका लगा। इस बीच आज उद्ध ठाकरे ने […]
मुंबई। महाराष्ट्र की राजनीति में इस वक्त काफी हलचल है। इसकी वजह है शुक्रवार को आया चुनाव आयोग का एक फैसला। EC ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे वाले गुट को शिवसेना पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न ‘धनुष बाण’ दे दिया। इस फैसले से उद्धव गुट को बड़ा झटका लगा। इस बीच आज उद्ध ठाकरे ने पार्टी की आपात बैठक बुलाई है। इस मीटिंग में शामिल होने के लिए उद्धव गुट के सभी विधायक, सांसद और नेता मातोश्री पहुंच चुके हैं। बताया जा रहा है कि दोपहर 1 बजे से बैठक शुरू हो चुकी है। बता दें कि मातोश्री ठाकरे परिवार का निवास स्थान है।
Maharashtra | Uddhav Thackeray faction leader Priyanka Chaturvedi, Manisha Kayande and others arrive at 'Matoshree' in Mumbai
Election Commission yesterday ordered that the party name “Shiv Sena” and the party symbol “Bow and Arrow” will be retained by the Eknath Shinde faction pic.twitter.com/apkZHclLuL
— ANI (@ANI) February 18, 2023
मालूम हो कि इससे पहले उद्धव ठाकरे ने मांग की थी कि अदालत के फैसले से पहले चुनाव आयोग को निर्णय नहीं देना चाहिए। शिंदे गुट को पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न दिए जाने के बाद उद्ध ठाकरे ने कहा कि चुनाव आयोग को फैसला देने की इतनी जल्दी क्यों थी? पूर्व मुख्यमंत्री ने मीडिया से बात करते हुए आगे कहा कि हम चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ जल्द से जल्द सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।
चुनाव आयोग के फैसले पर सवाल उठाते हुए उद्धव ठाकरे ने आगे कहा कि न्यायपालिका कैसे दबाव में आएगी, इसके कई उदाहरण हमने देखे हैं, लेकिन यह निर्णय बेहद ही अप्रत्याशित है। इस मामले की सुनवाई करीब 6 महीने से सुप्रीम कोर्ट में चल रही है। हमने मांग की थी कि चुनाव आयोग को कोर्ट का नतीजा आने से पहले कोई फैसला नहीं देना चाहिए। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के लिए कल का नतीजा बहुत खतरनाक है।
उद्धव गुट के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले के कंकावली में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि चुनाव आयोग का आदेश शिवसेना को खत्म करने के लिए एक तरह की राजनीतिक हिंसा है। यह डर और बदले की भावना से किया गया है। उन्होंने शिवसेना का जिक्र करते हुए कहा कि एक पार्टी है जो 50 साल से अधिक पुरानी है और जिसके कुछ विधायक और सांसद दबाव में दलबदल कर गए है। उन्होंने चुनाव आयोग के फैसले को कानून, संविधान और लोगों की इच्छा का उल्लंघन बताया। राउत ने कहा, पार्टी और लोग उद्धव ठाकरे के साथ हैं और कानूनी लड़ाई जारी रहेगी।
कारगिल युद्ध के साजिशकर्ता थे मुशर्रफ, 1965 में भारत के खिलाफ लड़े थे युद्ध
Parvez Musharraf: जानिए क्या है मुशर्रफ-धोनी कनेक्शन, लोग क्यों करते हैं याद