महाराष्ट्र: उद्धव गुट की सुप्रीम कोर्ट में अर्जी- नई सरकार के बहुमत परीक्षण पर रोक की मांग

महाराष्ट्र: मुंबई। महाराष्ट्र में पिछले दो हफ्ते से जारी सियासी घमासान के बीच महाविकास अघाड़ी सरकार सत्ता से बाहर हो गई और गुरूवार शाम बागी नेता एकनाथ शिंदे ने राज्य के 20वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। उनके साथ बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। जिसके बाद माना जा रहा […]

Advertisement
महाराष्ट्र: उद्धव गुट की सुप्रीम कोर्ट में अर्जी- नई सरकार के बहुमत परीक्षण पर रोक की मांग

Vaibhav Mishra

  • July 1, 2022 11:09 am Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

महाराष्ट्र:

मुंबई। महाराष्ट्र में पिछले दो हफ्ते से जारी सियासी घमासान के बीच महाविकास अघाड़ी सरकार सत्ता से बाहर हो गई और गुरूवार शाम बागी नेता एकनाथ शिंदे ने राज्य के 20वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। उनके साथ बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। जिसके बाद माना जा रहा था कि ये सियासी गतिरोध अब थम जाएगा। लेकिन आज उद्धव गुट की ओर से एक बार फिर देश की सबसे बड़ी अदालत का दरवाजा खटखटाया गया है। शिवसेना नेता सुनील प्रभु ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर नई सरकार के बहुमत परीक्षण पर रोक की मांग की है।

अयोग्यता पर फैसले से पहले बहुमत परीक्षण नहीं

शिवसेना नेता सुनील प्रभु द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई याचिका में मांग की गई है कि जब तक 16 शिवसेना बागी विधायकों की अयोग्यता पर फैसला नहीं हो जाता है तब तक नई सरकार (शिंदे गुट-बीजेपी) को बहुमत परीक्षण की इजाजत न मिले। बता दें कि इससे पहले उद्धव सरकार के बहुमत परीक्षण को लेकर भी उद्धव ठाकरे की शिवसेना की तरफ से इसी तरह की याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने महाविकास अघाड़ी सरकार को सदन में बहुमत साबित करने के लिए कहा था।

शरद पवार ने दी बधाई

शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे के महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री बनने पर राष्ट्रवादी कांग्रेस प्रमुख शरद पवार ने उन्हें बधाई दी है। पवार ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मैं एकनाथ शिंदे को उनकी नई जिम्मेदारी के लिए बधाई देता हूं। उन्होंने इतनी बड़ी संख्या में विधायकों को गुवाहाटी ले जाने की ताकत दिखाई। उन्होंने लोगों को शिवसेना छोड़ने के लिए प्रेरित किया।

बीजेपी ने बड़ा दिल दिखाया- शिंदे गुट

नई सरकार के गठन के बाद शिंदे गुट के विधायकों के ओर से पहली प्रतिक्रिया सामने आई। विधायक दीपक केसरकर ने कहा कि हिंदुत्व को मानने वाली 2 पार्टियां अलग हो गई थी, आज फिर से साथ जुड़ गई है। हमारे 50 साथियों का योगदान महत्वपूर्ण है। वो चाहते थे कि शिंदे साहब को एक बार मुख्यमंत्री पद मिलना चाहिए। भाजपा ने इस फैसले को स्वीकार किया और बड़ा दिल दिखाते हुए 106 विधायक होने के बावजूद उन्होंने एकनाथ शिंदे को सीएम बनाने का फैसला किया।

India Presidential Election: जानिए राष्ट्रपति चुनाव से जुड़ी ये 5 जरुरी बातें

Advertisement