नई दिल्लीः शिवसेना शिंदे गुट के विधायक अयोग्यता मामले में शुक्रवार यानी 15 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। महाराष्ट्र स्पीकर की ओर से शिवसेना विधायक अयोग्यता मामले में विधानसभा सचिवालय ने सुप्रीम कोर्ट से 3 हफ्ते की समय बढ़ाने की गुहार लगाई है। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र स्पीकर को 10 जनवरी […]
नई दिल्लीः शिवसेना शिंदे गुट के विधायक अयोग्यता मामले में शुक्रवार यानी 15 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। महाराष्ट्र स्पीकर की ओर से शिवसेना विधायक अयोग्यता मामले में विधानसभा सचिवालय ने सुप्रीम कोर्ट से 3 हफ्ते की समय बढ़ाने की गुहार लगाई है। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र स्पीकर को 10 जनवरी 2024 तक शिवसेना शिंदे गुट की अयोग्यता पर फैसला लेने का आदेश दिया है। इससे पहले कोर्ट ने स्पीकर को 31 दिसंबर तक अयोग्यता मामले पर फैसला देने के का आदेश जारी किया था। वहीं कोर्ट ने एनसीपी में टूट और अजीत पवार गुट की विधायकों की बगावत के मामले में स्पीकर को 31 जनवरी 2024 तक फैसला देने को कहा है।
स्पीकर की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलीले देते हुए कहा कि स्पीकर राहुल नार्वेकर को 31 दिसंबर तक अयोग्यता पर फैसला करना होगा। स्पीकर विधानसभा का सत्र चलने के दौरान भी सुबह 8 से रात 9 बजे तक इस इस मामले की सुनवाई करते रहे है। अभी तक 839 सुनवाई हो चुकी हैं। स्पीकर ने 20 दिसंबर को कार्रवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रखने की समयसीमा तय की है। स्पीकर को आदेश देने के लिए तीन हफ्ते का समय चाहिए। उच्चतम न्यायालय ने कहा कि हम स्पीकर की ओर से अर्जी तलाश रहे थे। बाद में कोर्ट ने स्पीकर को फैसला लेने के लिए 10 जनवरी की समय दे दी है।
सर्वोच्च न्यायालय ने 17 अक्टूबर को महाराष्ट्र विधानसभा के स्पीकर राहुल नार्वेकर को शिवसेना पार्टी में विभाजन के बाद उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे गुट के विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग करने वाली याचिकाओं पर फैसला लेने के लिए समय सीमा देने का मौका दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अयोग्यता याचिकाओं पर जल्द से जल्द निर्णय आना चाहिए। इसके बाद सुनवाई को 30 अक्टूबर तक के लिए टाल दिया गया था। मामले को लेकर 30 अक्टूबर को अगली सुनवाई हुई और इसमें विधायकों की अयोग्यता पर निर्णय लेने के लिए महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष को 31 दिसंबर तक का वक्त दिया गया था। अब यह समय सीमा 10 जनवरी तक बढ़ा दी गई है।