महाराष्ट्र सियासी संकट: मुंबई। महाराष्ट्र की सियासत में उथल-पुथल जारी है। राज्य की प्रमुख पार्टियों में से एक शिवसेना इस वक्त टूटने के कगार पर है। पार्टी के पांच दशक से अधिक इतिहास में सबसे बड़ी बगावत हुई है। ठाणे जिले के प्रभावशाली नेता एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री उद्धव से बगावत कर 40 से अधिक विधायकों […]
मुंबई। महाराष्ट्र की सियासत में उथल-पुथल जारी है। राज्य की प्रमुख पार्टियों में से एक शिवसेना इस वक्त टूटने के कगार पर है। पार्टी के पांच दशक से अधिक इतिहास में सबसे बड़ी बगावत हुई है। ठाणे जिले के प्रभावशाली नेता एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री उद्धव से बगावत कर 40 से अधिक विधायकों के साथ असम की राजधानी गुवाहाटी में डेरा जमाए हुए है। इसी बीच खबर सामने आ रही है कि अब एकनाथ शिंदे नई पार्टी बनाने की कोशिशों में जुट गए हैं।
जानकारी के मुताबिक बागी नेता एकनाथ शिंदे शिवसेना बालासाहब ठाकरे के नाम से अपनी नई पार्टी बनाने की तैयारी कर रहे हैं। इस पार्टी में सभी बागी विधायक शामिल होंगे। बता दें कि शिंदे पहले ही ये दावा कर चुके हैं कि उनके पास 50 से अधिक विधायकों का समर्थन है, जिसमें शिवसेना से करीब 38 विधायक हैं।
बता दें कि शिवसैनिकों के बवाल की आशंका के बीच के बागी विधायक तानाजी सावंत के दफ्तर में तोड़फोड़ की खबर सामने आ रही है। इस तोड़फोड़ का सीधा आरोप शिवसैनिकों पर लगाया गया है। बताया जा रहा है कि तोड़फोड़ करने वाले लोगों के हाथों में बाला साहेब के पोस्टर और शिवसेना के झंडे थे। इस दौरान वो उद्धव हम तुम्हारे साथ नारे लगा रहे थे।
बागी विधायक तनाजी सावंत के दफ्तर में हुई तोड़फोड़ को सही ठहराते हुए शिवसेना के बड़े नेता चंद्रकांत जाधव ने कहा कि ये सिर्फ एक्शन का रिएक्शन है। सभी बागियों को शिवसेना की भाषा में जवाब दिया जायेगा और अब ये रिएक्शन पूरे महाराष्ट्र में दिखेगा।
गौरतलब है कि एकनाथ शिंदे के गढ़ ठाणे में हिंसा और कानून व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए 30 जून तक सुरक्षा को बढ़ा दिया गया है। इलाके में लाठी, पोस्टर जलाना, हथियार, पुतला जलाने पर रोक लगा दी गई है। इस दौरान नारे लगाने या स्पीकर पर गाने बजाने की भी अनुमति पर भी रोक लगा दी गई है।
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