महाराष्ट्र राजनीतिक संकट: मुंबई। महाराष्ट्र में सियासी घमासान खत्म होने का नाम नहीं रहा है। उद्धव ठाकरे से शिवसेना विधायकों की बगावत लगातार जारी है। बताया जा रहा है कि असम के गुवाहाटी में डेरा जमाए एकनाथ शिंदे के पास इस वक्त करीब 50 विधायकों का समर्थन है। जिसमें शिवसेना और निर्दलीय शामिल है। इसी […]
मुंबई। महाराष्ट्र में सियासी घमासान खत्म होने का नाम नहीं रहा है। उद्धव ठाकरे से शिवसेना विधायकों की बगावत लगातार जारी है। बताया जा रहा है कि असम के गुवाहाटी में डेरा जमाए एकनाथ शिंदे के पास इस वक्त करीब 50 विधायकों का समर्थन है। जिसमें शिवसेना और निर्दलीय शामिल है। इसी बीच शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने इस राजनीतिक उलटफेर पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना कानून, सड़क और कागज तीनों की लड़ाई जीतेगी।
संजय राउत ने कहा कि हम हार मानने वाले नहीं हैं। हम जीतेंगे, हम सदन के फ्लोर पर जीतेंगे। अगर लड़ाई सड़क पर हुई तो वहां भी जीतेंगे। हमारा जिसे सामना करना है वह मुंबई में आ सकते हैं। इन्होंने (विधायकों ने) गलत कदम उठाया है। हमने इनको वापस आने का मौका भी दिया लेकिन अब समय निकल चुका है।
शिवसेना नेता संजय राउत ने आगे कहा कि संख्या बल कागज़ में ज़्यादा हो सकती है लेकिन अब यह लड़ाई क़ानूनी लड़ाई होगी। हमारे जिन 12 लोगों ने बगावत शुरू की है उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू की है जिसके लिए हमारे लोगों ने सभापति से मुलाकात की है।
संजय राउत ने कहा कि (शरद) पवार साहब को धमकियां देने का काम चल रहा है। अमित शाह और मोदी जी आप के मंत्री पवार साहब को धमकी दे रहे हैं। क्या ऐसी धमकियों को आपका समर्थन है? उन्होंने कहा कि पवार साहब को धमकी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
महाविकास अघाड़ी गठबंधन के अंदर हुई बगावत को लेकर केंद्रीय मंत्री रावसाहेब पाटिल दानवे ने कहा कि हम लोग सरकार गिराने के लिए नहीं है। यह लोग आपस में खुद झगड़ा करेंगे और आपस में झगडकर खुद सरकार गिरा लेंगे और वही आज हो रहा है। कोई केंद्रीय मंत्री धमकी नहीं दे रहा है और हम धमकी देंगे भी नहीं। यह उनका अंदरूनी मामला है।
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