नई दिल्लीः महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे शिवसेना में दो फाड़ होने के बाद राजनीतिक पार्टी शिवसेना पर दावा कर रहे हैं। चुनाव आयोग के साथ ही उच्च न्यायालय ने भी माना है कि शिंदे गुट ही असली शिवसेना है। कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर से जवाब मांगा […]
नई दिल्लीः महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे शिवसेना में दो फाड़ होने के बाद राजनीतिक पार्टी शिवसेना पर दावा कर रहे हैं। चुनाव आयोग के साथ ही उच्च न्यायालय ने भी माना है कि शिंदे गुट ही असली शिवसेना है। कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर से जवाब मांगा है। शिंदे गुट ने स्पीकर के उस फैसले को चुनौती दी है, जिसमें उन्होंने शिवसेना ( उद्धठ ठाकरे ) के 14 विधायकों को अयोग्य नहीं माना है।
बता दें कि मुंबई हाईकोर्ट में शिंदे गुट की शिवसेना के मुख्य सचेतक भरत गोगवाले ने याचिका दायर की है। इस पर न्यायमूर्ति गिरिश कुलकर्णी और जस्टिस फिरदोश पूनीवाला की खंडपीठ सुनवाई कर रही है। अब इस मामले की अगली सुनवाई आठ फरवरी को होगी। जानकारी दे दें कि बिते 10 जनवरी को अयोग्यता मामले में विधानसभा स्पीकर नार्वेकर ने अपना फैसला दिया था। फैसले के मुताबिक शिवसेना के दोनों गुटों के विधायकों की सदस्यता पर कोई खतरा नहीं है।
पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे को समर्थन देने वाले 14 विधायकों को अयोग्य नहीं मानने पर असंतुष्ट शिंदे खेमा अदालत की शरण में गया है। शिंदे गुट ने अदालत से कहा कि वे 10 जनवरी को जारी स्पीकर के फैसले की ‘वैधता और औचित्य’ को चुनौती देते हैं। शिंदे गुट की तरफ से भरत गोगावले ने पक्ष रखते हुए कहा कि विधानसभा में शक्ति परीक्षण से पहले उन्होंने 3 जुलाई को शिवसेना विधायकों के लिए व्हिप जारी किया था। व्हिप के मुताबित शिंदे गुट को वोट करना था लेकिन 14 विधायकों ने उद्धव गुट को वोट दिया। ये व्हिप का उल्लघन था और अब उन्हें शिवसेना की सदस्यता छोड़ना भी है।
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