Maharashtra News: गौतम नवलखा को महाराष्ट्र सरकार को करना होगा 1 करोड़ 64 लाख का भुगतान, सुप्रीम कोर्ट का आदेश

नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने भीमा-कोरेगांव हिसा के मामले के आरोपी गौतम नवलखा से मंगलवार का साफ-साफ कहा कि आपने स्वयं घर में नजरबंदी का अनुरोध किया था। ऐसे में नजरबंदी के दौरान महाराष्ट्र सरकार द्वारा सुरक्षा मुहैया कराए गए पुलिस कर्मियों का खर्च उठाने के दायित्व से बच नहीं सकते हैं। नवलखा नवंबर 2022 […]

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Maharashtra News: गौतम नवलखा को महाराष्ट्र सरकार को करना होगा 1 करोड़ 64 लाख का भुगतान, सुप्रीम कोर्ट का आदेश

Sachin Kumar

  • April 10, 2024 12:58 pm Asia/KolkataIST, Updated 7 months ago

नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने भीमा-कोरेगांव हिसा के मामले के आरोपी गौतम नवलखा से मंगलवार का साफ-साफ कहा कि आपने स्वयं घर में नजरबंदी का अनुरोध किया था। ऐसे में नजरबंदी के दौरान महाराष्ट्र सरकार द्वारा सुरक्षा मुहैया कराए गए पुलिस कर्मियों का खर्च उठाने के दायित्व से बच नहीं सकते हैं। नवलखा नवंबर 2022 से मुंबई में सार्वजनिक पुस्तकालय में बंद है।

गौतम को चुकानी होगी रकम

न्यायामूर्ति एमएम और न्यायामूर्ति भट्टी की पीठ ने मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि गौतम नवलखा को 1 करोड़ 64 लाख रुपए चुकाना पड़ेगा। वहीं नवलखा की ओर से पेश वकील ने कहा कि अगर आपने घर में नजरबंदी मांगी है तो आपको सुरक्षा की लागत चुकानी होगी। आप अपने कर्तवय से बच नहीं सकते है।

Maharashtra News: गौतम नवलखा को महाराष्ट्र सरकार से करना होगा 1 करोड़ 64 लाख का भुगतान, सुप्रीम कोर्ट का आदेश

गौतम नवलखा

नवलखा ने दस लाख का किया था भुगतानः एनआईए

नवलखा के वकील ने नजरबंदी के लिए भुगतान करने की हामी भर दी लेकिन रकम को लेकर आपत्ति जताई है। एनआईए का प्रतिनिधित्व कर रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि उनकी नजरबंदी के दौरान सुरक्षा के लिए बड़ी संख्या में पुलिस कर्मी तैनात किए गए हैं। उन्होंने कहा कि नवलखा ने पहले 10 लाख रुपये का भुगतान किया था और अब वह भुगतान नहीं कर रहे हैं। यह प्रतिदिन बढ़ रहा है और वह इससे बच नहीं सकते हैं।

यूएपीए के तहत नवलखा को किया गया अरेस्ट

बता दें कि अगस्त 2018 में गिरफ्तार किए गए नवलखा ने शीर्ष अदालत का रुख कर अनुरोध किया था कि उन्हें महाराष्ट्र की तलोजा जेल में न्यायिक हिरासत के बजाय घर में नजरबंद रखा जाए। जिसके बाद 10 नवंबर, 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने नवलखा को बिगड़ते स्वास्थ्य के कारण घर में नजरबंद करने की अनुमति दी थी।

भीमा कोरेगांव मामले में कई नागरिक स्वतंत्रता कार्यकर्ताओं में से एक नवलखा पर सरकार गिराने की कथित साजिश के लिए गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के कड़े प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया है। उन्हें जांच एजेंसी ने अप्रैल 2020 में अरेस्ट किया था।

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