मुंबई। आदिपुरुष को लेकर देशभर में बवाल जारी है. फिल्म में दिखाए गए संवादों को लेकर संत समाज में भारी आक्रोश का माहौल है. कई सियासी दलों के नेता भी इस फिल्म के विरोध में बढ़ चढ़कर बयान दे रहे हैं. इसी कड़ी में महाराष्ट्र कांग्रेस कमेटी के प्रमुख नाना पटोले ने इस फिल्म को लेकर अपनी राय रखी है. उन्होंने कहा है कि इस फिल्म को तुरंत बैन करना चाहिए.
महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख ने आज मीडिया से बात करते हुए कहा कि जब कांग्रेस के वक्त में रामायण और महाभारत के सीरियल को फिल्माया गया था तो उस वक्त वास्तविकता को रखा गया था. आज जब सत्ता में भाजपा है, जो खुद को हिंदुओं की सरकार बताती है. उसके कार्यकाल में बनी फिल्म में हनुमान जी से टपोरियों जैसे वक्तव्य दिलवाए गए हैं. ये पाप है और भाजपा ने ये पाप किया है. ये सारा दोष भाजपा का है और उसे माफी मांगनी चाहिए.
उधर, रामायण सीरियल के ‘लक्ष्मण’ सुनील लहरी ने आदिपुरुष फिल्म को देखने के बाद कहा कि इस फिल्म में लॉजिक लगाने की जरूरत ही नहीं है. अगर हम रामायण की कहानी और अपने दिमाग को अलग कर दें तो ये सिर्फ टाइम पास है और कुछ नहीं. मैं सच कहूं तो ये फिल्म बेहद शर्मनाक है. अगर फिल्म के निर्माता कहते हैं कि हमने रामायण को ध्यान में रखकर इसे बनाया है तो ये पूरी तरह बकवास है. मुझे समझ नहीं आ रहा है कि फिल्म मेकर्स ने ऐसा क्यों किया. कुछ अलग दिखाने का मतलब अपने कल्चर और अपनी संस्कृति के साथ खेलना नहीं होता है.
सुनील लहरी ने आगे कहा कि आदिपुरुष के निर्माताओं ने अपनी फिल्म में स्पष्ट तौर पर लिखा है कि ये पूरी वाल्मिकी पर लिखी कहानी पर आधारित है. अगर आप वाल्मिकी रामायण को देखकर फिल्म बना रहे हो तो आपने हर जगह देखा और पढ़ा होगा कि रावण पुष्पक विमान से सीता माता का हरण करने के लिए आता है, लेकिन यहां पर वो चमगादड़ के ऊपर आता है. इसके बाद लक्ष्मण और मेघनाद की जंग हवा में हुई थी, लेकिन इन्होंने उसे पानी के अंदर दिखाया है. फिल्म में किसी भी किरदार को सही तरीके से नहीं दिखाया गया है. पता नहीं क्यों इन्होंने ऐसा दिखाया है.
लहरी ने कहा कि यह पूरी तरह से एक फैंटेसी फिल्म है, बिल्कुल सुपहीरो वाली. बच्चे इसे देख सकते हैं लेकिन ये फिल्म उन्हें भी मिसगाइड करेगी. अगर आदिपुरुष रामायण पर बेस्ड ना होकर किसी सुपरहीरो वाली कहानी पर बनी फिल्म होती तो एक पल के लिए चल भी जाती. लेकिन इन्होंने रामायण के नाम पर कुछ भी बना दिया है. फिल्म पर 600 करोड़ रुपये बर्बाद कर दिए गए, इतने पैसे में तो पांच फिल्में बनाईं जा सकती थीं. फिल्म की कहानी किसी को बताने लायक नहीं है.
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