महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद: 11 गांवों को कारण बताओ नोटिस जारी, जानिए मामला

मुंबई: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बुधवार को दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों (एकनाथ शिंदे और बसवराज बोम्मई) के साथ महाराष्ट्रऔर कर्नाटक के बीच सीमा विवाद पर अहम बैठक करेंगे. इस बीच, महाराष्ट्र सरकार ने सोलापुर के अक्कलकोट जिले के 11 गांवों को नोटिस भेजकर यह बताने को कहा है कि उन्होंने कर्नाटक में विलय का […]

Advertisement
महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद: 11 गांवों को कारण बताओ नोटिस जारी, जानिए मामला

Amisha Singh

  • December 14, 2022 4:48 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

मुंबई: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बुधवार को दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों (एकनाथ शिंदे और बसवराज बोम्मई) के साथ महाराष्ट्रऔर कर्नाटक के बीच सीमा विवाद पर अहम बैठक करेंगे. इस बीच, महाराष्ट्र सरकार ने सोलापुर के अक्कलकोट जिले के 11 गांवों को नोटिस भेजकर यह बताने को कहा है कि उन्होंने कर्नाटक में विलय का प्रस्ताव क्यों मंजूरी दी है. वहीं, 11 में से 10 गांवों ने पहले ही राज्य सरकार को सूचित कर दिया है कि उन्होंने अपने प्रस्ताव रद्द कर दिए हैं और वह महाराष्ट्र में ही रहना चाहते हैं।

खबरों के मुताबिक, ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर सचिन खुडे ने कहा कि हाल के दिनों में हमने अक्कलकोट तालुका की 11 ग्राम पंचायतों को मुकदमों के नोटिस जारी किए हैं, जिन्होंने कर्नाटक के साथ प्रस्तावित विलय को मंजूरी दी थी. इन शहरों की ग्राम पंचायत महाराष्ट्र के खिलाफ गतिविधियों में शामिल रही है जिस वजह से इसलिए उन्हें नोटिस भेजा गया है

 

10 ग्राम पंचायतों ने जवाब दिया

खुदे ने कहा कि “अगर नोटिस में सरकार को बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने की आवश्यकता है, तो ग्राम पंचायत ने सरकारी दिशानिर्देशों के अनुसार उनके बारे में जागरूकता बढ़ाने के बजाय ऐसा प्रस्ताव क्यों पारित किया? खुदे ने कहा कि 10 ग्राम पंचायतों ने मंगलवार को जवाब दिया। 11 ग्राम पंचायतों में से 10 ने कहा कि उन्होंने अपनी पेशकश रद्द कर दी है और वो महाराष्ट्र के साथ ही रहना चाहते हैं. 11वीं ग्राम पंचायत के बारे में हमें बताया गया कि सरपंच शहर से बाहर हैं।”

 

11 ग्राम पंचायतों ने वापस लिए प्रस्ताव

अक्कलकोट के विधायक सचिन कल्याणशेट्टी के मुताबिक सभी 11 ग्राम पंचायतों ने अपने प्रस्तावों को वापस ले लिया हैं। मैंने उनके साथ बैठकें की हैं। कल भी मैंने उनसे मुलाकात की थी और उन्हें अपने-अपने गांवों में चल रहे प्रोजेक्ट्स और कार्यों पर बातचीत की थी। बैठक में एक भी सरपंच नहीं था जिसने किसी तरह का विवाद खड़ा किया हो। वे सभी प्रस्तावों को वापस लेने और उन्हें सरकार को हस्तांतरित करने पर सहमत हुए।

महाराष्ट्र में 814 मराठी भाषी गाँव हैं

महाराष्ट्र भी 814 मराठी भाषी गांवों का दावा करता है, जो अभी के समय में कर्नाटक का हिस्सा हैं। दरअसल, दावे को लेकर कर्नाटक और बेलगावी के बीच सीमा विवाद है। जिसके कारण दोनों राज्य एक दूसरे के वाहनों को निशाना बनाते हैं.

 

कुछ लोगों की गिरफ्तारी

हाल ही में सीमा पर तनावपूर्ण माहौल के चलते पुलिस ने कन्नड़ और मराठी समर्थक नेताओं को गिरफ्तार किया था. इतना ही नहीं, महाराष्ट्र में पंजीकृत वाहनों पर कर्नाटक में हमला किया गया है। इतना ही नहीं कर्नाटक में बसों पर पेंट छिड़कने के मामले में सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है. भले ही बिना तोड़फोड़ के उन्होंने घटना को अंजाम दिया था लेकिन इन पर मुकदमा लगा दिया गया है.

 

 

यह भी पढ़ें :

 

Delhi Excise Case: बीजेपी बोली- ‘अरविंद केजरीवाल का अहंकार टूटेगा, AAP के पास सवालों का नहीं है जवाब’

मनीष सिसोदिया का दावा! बीजेपी ने मेरे खिलाफ सभी सीबीआई, ईडी मामलों को बंद करने की रखी पेशकश

 

 

 

Advertisement