नई दिल्ली: नागपुर के बैंक ऑफ महाराष्ट्र के सीताबर्डी के जोनल कार्यालय में नाग नदी के बाढ़ का पानी घुस गया। 23 सितंबर को नाग नदी में आए भीषण बाढ़ का पानी बैंक के स्ट्रॉन्ग रूम में घुस गया था। इससे बैंक में रखे 400 करोड़ रुपए के नोट भीगकर बर्बाद हो गए। जानकारी के मुताबिक बैंक से पानी निकालने में 24 घंटे से अधिक का समय लगा था।
बता दें कि बैंक का ताजा अपडेट आरबीआई को भेज दी गई है। बैंक के अधिकारी इस समय इस बारे में अभी किसी भी तरह की टिप्पणी करने से मना कर रहे हैं।
अगर आप अब ये सोंच रहे हैं कि नागपुर के इस बैंक में रखे आपके सारे पैसे डूब गए हैं, तो आप निश्चिंत रहें। आपके पैसे पूरी तरह से सुरक्षित हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि भले ही करेंसी बर्बाद हो गई हैं, लेकिन इससे किसी का पैसा नहीं डूबा है। बैलेंस शीट पर वहीं अमाउंट रहेगा। जानकारी के लिए बता दें कि इस बैंक का उद्घाटन 1967 में तत्कालीन मुख्यमंत्री वसंतराव नाइक द्वारा किया गया था।
घटना के विषय में आरबीआई को जानकारी मिलने के बाद इसपर जांच शुरु कर दी गई है। आरबीआई ने इस बैंक में एक निरीक्षण दल भेजा है, जो फटे नोटों को हटाकर मुद्रा तिजोरी को फिर से भर देगी। इस दल के अधिकारी फटे नोटों की गिनती और स्कैन कर रहे हैं। साथ ही ये उन नोटों को नष्ट कर दे रहे हैं, जो दोबारा जारी करने लायक नहीं हैं।
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बता दें कि अगर इस गिनती में कुछ राशि कम पाई जाती है, तो बैंक को स्वयं उसका भुगतान करना पड़ सकता है।
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