महाराष्ट्र: एकनाथ शिंदे बागी विधायकों के साथ गुवाहाटी पहुंचे, बालासाहेब का कट्टर समर्थक

  मुंबई। महाराष्ट्र में सत्ताधारी पार्टी शिवसेना के अंदर मचे कोहराम के बाद महा विकास अघाडी (MVA) सरकार पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं. महाराष्ट्र सरकार के मंत्री एकनाथ शिंदे सूरत से 33 विधायक और 7 निर्दलीय विधायकों समेत गुवाहाटी पहुंच गए हैं. एकनाथ शिंदे ने गुवाहाटी पहुंचने के बाद मीडिया से बात करते […]

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महाराष्ट्र: एकनाथ शिंदे बागी विधायकों के साथ गुवाहाटी पहुंचे, बालासाहेब का कट्टर समर्थक

Mohmmed Suhail Mewati

  • June 22, 2022 12:53 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

 

मुंबई। महाराष्ट्र में सत्ताधारी पार्टी शिवसेना के अंदर मचे कोहराम के बाद महा विकास अघाडी (MVA) सरकार पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं. महाराष्ट्र सरकार के मंत्री एकनाथ शिंदे सूरत से 33 विधायक और 7 निर्दलीय विधायकों समेत गुवाहाटी पहुंच गए हैं. एकनाथ शिंदे ने गुवाहाटी पहुंचने के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि हमारे पास 40 विधायक है. दूसरी तरफ सीएम उद्धव ठाकरे ने आज यानी बुधवार को दोपहर एक बजे कैबिनेट की बैठक बुलाई है.

शिवसेना के सबसे वफादार नेताओं में से एकनाथ शिंदे ने पार्टी में बगावत करते हुए दो दर्जन से ज्यादा विधायकों को अपने साथ सूरत ले गए थे. राजनीतिक माहौल को गरमाता देख शिंदे सभी विधायकों के साथ सूरत से असम की राजधानी गुवाहाटी पहुंच गए हैं.

क्या बोले एकनाथ शिंदे

शिवसेना से की गई बगावत को लेकर एकनाथ शिंदे ने साफतौर पर कह दिया है कि 40 विधायक यहां मौजूद हैं हम सब बालासाहेब ठाकरे के हिंदुत्व और उनकी भूमिका को आगे ले जाना चाहते हैं. उन्होंने कहा है कि ‘हम बालासाहेब के हिंदुत्व का अनुसरण कर रहे हैं और इसे आगे भी ले जाएंगे.

क्या है गणित

बता दें कि शिवसेना विधायक रमेश लटके के निधन के बाद महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा में एक सीट खाली है. ऐसे में किसी भी पार्टी या गठबंधन को बहुमत के साथ सत्ता में रहने के लिए फिलहाल 144 विधायकों की जरूरत है. वहीं साल 2019 में हुए चुनाव में बीजेपी ने 105 सीट जीती थी. जो कि पंढरपुर विधानसभा उपचुनाव जीतने के बाद अब 106 हो गई है.

शिवसेना के फिलहाल 55 विधायक हैं, एनसीपी के 53 विधायक हैं और कांग्रेस के पास 44 विधायक हैं. सदन में 13 निर्दलीय हैं. तेरह निर्दलीय उम्मीदवारों में से छह बीजेपी के समर्थक हैं, पांच ने शिवसेना को समर्थन किया है, जबकि कांग्रेस और NCP को एक-एक निर्दलीय का समर्थन प्राप्त है.

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