महाराष्ट्र: शिवसेना मुखपत्र ‘सामना’ का संपादकीय- ‘उद्धव ठाकरे ने पूरा किया वचन’

महाराष्ट्र: मुंबई। महाराष्ट्र से महाविकास अघाड़ी सरकार के गिरने और उद्धव ठाकरे की कुर्सी जाने के बाद अब राज्य में नई सरकार बनने को लेकर तस्वीर साफ हो गई। बताया जा रहा है कि बीजेपी और शिंदे गुट जल्द ही महाराष्ट्र की सत्ता में स्थापित हो जाएंगे। इसी बीच शिवसेना के मुखपत्र सामना ने आज […]

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महाराष्ट्र: शिवसेना मुखपत्र ‘सामना’ का संपादकीय- ‘उद्धव ठाकरे ने पूरा किया वचन’

Vaibhav Mishra

  • June 30, 2022 10:45 am Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

महाराष्ट्र:

मुंबई। महाराष्ट्र से महाविकास अघाड़ी सरकार के गिरने और उद्धव ठाकरे की कुर्सी जाने के बाद अब राज्य में नई सरकार बनने को लेकर तस्वीर साफ हो गई। बताया जा रहा है कि बीजेपी और शिंदे गुट जल्द ही महाराष्ट्र की सत्ता में स्थापित हो जाएंगे। इसी बीच शिवसेना के मुखपत्र सामना ने आज अपने संपादकीय में उद्धव सरकार द्वारा लिए गए फैसलों का जिक्र किया है। जिसमें लिखा गया है कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने औरंगाबाद का नाम संभाजीनगर और उस्मानाबाद को नाम धाराशीव करके पिता बालासाहेब का वचन पूरा किया है।

हिंदुत्व के मुद्दे पर अडिग है शिवसेना

शिवसेना के मुखपत्र सामना में लिखा गया है कि महाराष्ट्र के कार्यवाहक मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की कैबिनेट ने बुधवार रात इस्तीफे से पहले कुछ शहरों और एक हवाई अड्डे का नाम बदलने का प्रस्ताव पारित किया। इससे पता चलता है कि शिवेसना अभी भी हिन्दुत्व के मुद्दे पर अडिग है।

देवेंद्र फडणवीस से पूछे सवाल

सामना की संपादकीय में लिखा गया है कि ठाकरे सरकार ने बुधवार को मंत्रिमंडल की आखिरी बैठक में कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिए। जनभावना से संबंधित इन निर्णयों में नई मुंबई हवाई अड्डे का नाम लोकनेता दी.बा. पाटील, औरंगाबाद का नाम संभाजीनगर और उस्मानाबाद का नाम धाराशिव किया गया है। सामना में भारतीय जनता पार्टी और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से कई सवाल पूछे गए हैं। उसमें लिखा गया है कि विपक्ष ने आरोप लगाया था कि ठाकरे सरकार औरंगाबाद का संभाजीनगर करने से डरती है। बड़ा सवाल तो ये है कि फडणवीस के महाराष्ट्र सरकार में होने के दौरान उन्होंने ये पुण्य कर्म क्यों नहीं किया। इसका जवाब उन्हें पहले देना चाहिए।

दुनिया में फहराया भगवा

शिवसेना मुखपत्र में आगे लिखा गया है कि शिवसेना ने शिवराय के विचारों का भगवा दुनियाभर में फहराया है। उसने महाराष्ट्र के स्वाभिमान को नाखून भी नहीं लगने दिया है। शिवसेना ने सदैव जन भावना का आदर किया है। सामना में लिखा गया है कि संभाजीनगर, धाराशीव व दी.बा. के फैसले से महाराष्ट्र की अस्मिता को और तेज प्राप्त हुआ है। अब विरोधियों के पास बोलने के लिए क्या बचा है।

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