Maharashtra: राज्यपाल कोश्यारी के बयान पर बढ़ा विवाद, संजय राउत बोले- मराठी भिखारी हैं क्या?

Maharashtra: मुंबई। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के गुजराती और राजस्थानी बयान को लेकर महाराष्ट्र की राजनीति में विवाद बढ़ गया है। विपक्षी दल एनसीपी, कांग्रेस और उद्धव गुट की शिवसेना ने राज्यपाल के बयान पर कड़ी आपत्ति जताई है। मराठी भिखारी हैं क्या? – संजय राउत शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने राज्यपाल […]

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Maharashtra: राज्यपाल कोश्यारी के बयान पर बढ़ा विवाद, संजय राउत बोले- मराठी भिखारी हैं क्या?

Vaibhav Mishra

  • July 30, 2022 2:19 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

Maharashtra:

मुंबई। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के गुजराती और राजस्थानी बयान को लेकर महाराष्ट्र की राजनीति में विवाद बढ़ गया है। विपक्षी दल एनसीपी, कांग्रेस और उद्धव गुट की शिवसेना ने राज्यपाल के बयान पर कड़ी आपत्ति जताई है।

मराठी भिखारी हैं क्या? – संजय राउत

शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने राज्यपाल कोश्यारी के बयान को लेकर कहा कि मराठी भिखारी हैं क्या? राउत ने कहा राज्यपाल का बयान मराठी मेहनतकश लोगों का अपमान है। इसी महाराष्ट्र ने हिंदुत्व के लिए लड़ाई लड़ी है। इसीलिए आज न केवल शिवसेना, बल्कि हर कोई राज्यपाल के बयान की निंदा कर रहा है।

कांग्रेस ने कोश्यारी के बयान की निंदा की

राज्यपाल कोश्यारी के बयान की कांग्रेस पार्टी ने भी निंदा की है। महाराष्ट्र राज्य कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा है कि ये बड़ी हैरानी की बात है कि राज्य के राज्यपाल आज उसी राज्य के लोगों को बदनाम कर रहे हैं। उनके रहते हुए राज्यपाल की संस्था का स्तर और महाराष्ट्र की राजनीतिक परंपरा का पतन हुआ है। इसके साथ ही महाराष्ट्र का भी लगातार अपमान किया गया है।

माफी मांगे राज्यपाल कोश्यारी- एनसीपी

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने भी राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के बयान की निंदा करते हुए कहा माफी मांगने मांग की है। एनसीपी विधायक अमोल मितकारी ने कहा है कि मुंबई के लोग ईमानदार और सक्षम है। राज्यपाल कोश्यारी ने मराठी लोगों का अपमान तिया है। उन्हें जल्द से जल्द माफी मांगनी चाहिए।

भगत सिंह कोश्यारी ने क्या कहा था?

बता दें कि महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मैं लोगों से कहना चाहता हूं कि महाराष्ट्र से खासकर मुंबई और ठाणे से गुजरातियों और राजस्थानियों को निकाल दिया जाए तो वहां पैसा नहीं बचेगा और मुंबई को जो देश की आर्थिक राजधानी कहा जाता है तो वो आर्थिक राजधानी भी नहीं कहलाएगी।

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