नई दिल्ली: बुधवार 3 अप्रैल को कांग्रेस ने संजय निरुपम को छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है. संजय निरुपम पर कांग्रेस ने पार्टी विरोधी बयान देने का आरोप लगाया है. जानकारी के अनुसार, संजय निरुपम ने कांग्रेस और शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट के साथ लोकसभा चुनाव के लिए सीट शेयरिंग […]
नई दिल्ली: बुधवार 3 अप्रैल को कांग्रेस ने संजय निरुपम को छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है. संजय निरुपम पर कांग्रेस ने पार्टी विरोधी बयान देने का आरोप लगाया है. जानकारी के अनुसार, संजय निरुपम ने कांग्रेस और शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट के साथ लोकसभा चुनाव के लिए सीट शेयरिंग को लेकर टिप्पणी की थी. निरुपम का पार्टी के खिलाफ किया गया ये काम कांग्रेस को पसंद नहीं आया जिसकी वजह से पार्टी ने उनको बाहर निकाल दिया.
संजय निरुपम ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत शिवसेना के साथ की थी. जिसके बाद उन्होंने साल 2009 में कांग्रेस पार्टी की तरफ से चुनाव जीता. वहीं संजय निरुपम को पार्टी से निकालने का प्रस्ताव महाराष्ट्र कांग्रेस ने बुधवार को पास किया.
पार्टी से निकाले जाने के बाद संजय निरुपम ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, गंभीर वित्तीय संकट का सामना कर रही पार्टी मेरे लिए कागज-कलम और ऊर्जा को बर्बाद ना करे. बल्कि इसका प्रयोग पार्टी को बचाने के लिए किया जाना चाहिए. मैंने पार्टी को जो समय सीमा दी थी वह आज खत्म हो रही है. मैं अपने अगले कदम के बारे में कल बताऊंगा.
संजय निरुपम को पार्टी से निकाले जाने के बाद महाराष्ट्र के कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि पार्टी नेतृत्व ने उनके खिलाफ अपनी कार्यवाही की शुरुआत कर दी है, जिसका फैसला एक दिन में किया जायेगा.
बता दे कि कांग्रेस और शिवसेना उद्धव गुट में लोकसभा चुनाव के लिए हुए समझौते के मुताबिक शिवसेना उद्धव गुट ने मुम्बई की 6 लोकसभा सीटों में से उत्तर पश्चिम मुम्बई समेत चार लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं. संजय निरुपम उत्तर-मुम्बई की सीट से कांग्रस की तरफ से चुनाव लड़ना चाहते थे.
मुम्बई उत्तर लोकसभा सीट से सांसद रहे निरुपम ने कहा था कि शिवसेना के आगे कांग्रेस नेतृत्व को झुकना नहीं चाहिए. शिवसेना के मुम्बई की चार लोकसभा सीटों पर एक तरफा प्रत्याशियों को उतारने के उद्धव गुट के एकतरफा फैसले को स्वीकार करना कांग्रेस पार्टी के नुकसान को दावत देने जैसा है.
इसी बीच, महाराष्ट्र में महाविकास आघाडी (एमवीए) में हो रहे गतिरोध पर महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने बताया कि इस समस्या को सुलझाने के लिए सहयोगियों के बीच एक बैठक का आयोजन किया जायेगा. जब उनसे एमवीए की बैठक के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि कांग्रेस सांगली, भिवंडी और मुम्बई की कुछ सीट अपने लिए चाहती है जिसको हासिल करने के लिए वह काम करेगी.