मुंबई। महाराष्ट्र की राजनीति में गुरूवार का दिन बेहद ऐतिहासिक रहा। राज्य की विधानसभा में सबसे बड़ा दल होने के बावजूद बीजेपी ने शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बिठा दिया। केंद्रीय नेतृत्व के आग्रह पर पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। राज्य की सियासत में पिछले दो हफ्तों से जारी घमासान के बीच बीजेपी ने अपने इस फैसले से सबको चौंका दिया। लेकिन राजनीतिक जानकार इस निर्णय को बीजेपी की भविष्य की नीति से जोड़कर देख रहे है। इसी बीच खबर सामने आ रही है कि शिंदे गुट के साथ गठबंधन में अहम माना जाने वाला स्पीकर का पद बीजेपी अपने पास रखने वाली है। इसे लेकर आज शाम बीजेपी ने सभी विधायकों की बैठक भी बुलाई है।
एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस द्वारा मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के पद की शपथ लेने के बाद मुंबई में देर रात महाराष्ट्र की नई सरकार की पहली कैबिनेट बैठक हुई। जिसमें मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस शामिल हुए।
शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे के महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री बनने पर राष्ट्रवादी कांग्रेस प्रमुख शरद पवार ने उन्हें बधाई दी है। पवार ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मैं एकनाथ शिंदे को उनकी नई जिम्मेदारी के लिए बधाई देता हूं। उन्होंने इतनी बड़ी संख्या में विधायकों को गुवाहाटी ले जाने की ताकत दिखाई। उन्होंने लोगों को शिवसेना छोड़ने के लिए प्रेरित किया।
नई सरकार के गठन के बाद शिंदे गुट के विधायकों के ओर से पहली प्रतिक्रिया सामने आई। विधायक दीपक केसरकर ने कहा कि हिंदुत्व को मानने वाली 2 पार्टियां अलग हो गई थी, आज फिर से साथ जुड़ गई है। हमारे 50 साथियों का योगदान महत्वपूर्ण है। वो चाहते थे कि शिंदे साहब को एक बार मुख्यमंत्री पद मिलना चाहिए। भाजपा ने इस फैसले को स्वीकार किया और बड़ा दिल दिखाते हुए 106 विधायक होने के बावजूद उन्होंने एकनाथ शिंदे को सीएम बनाने का फैसला किया।
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