मुंबई। महाराष्ट्र में शिंदे सरकार के गठन के बाद आज विधानसभा का नया स्पीकर भी चुन लिया गया। भारतीय जनता पार्टी और शिंदे गुट के उम्मीदवार राहुल नार्वेकर महाराष्ट्र विधानसभा के नए स्पीकर चुने गए है। उन्हें समर्थन में 164 वोट मिले है। आसानी से पार किया बहुमत का आंकड़ा महाराष्ट्र विधानसभा के दो […]
मुंबई। महाराष्ट्र में शिंदे सरकार के गठन के बाद आज विधानसभा का नया स्पीकर भी चुन लिया गया। भारतीय जनता पार्टी और शिंदे गुट के उम्मीदवार राहुल नार्वेकर महाराष्ट्र विधानसभा के नए स्पीकर चुने गए है। उन्हें समर्थन में 164 वोट मिले है।
महाराष्ट्र विधानसभा के दो दिवसीय विशेष सत्र के पहले दिन आज विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव हुआ। जिसमें शिंदे गुट और बीजेपी के तरफ से राहुल नार्वेकर उम्मीदवार थे और महाविकास अघाड़ी की ओर से राजन साल्वी प्रत्याशी थे। चुनाव में राहुल नार्वेकर ने आसानी से बहुमत का आंकड़ा पार कर लिया। राहुल को 164 वोट मिले। वहीं दूसरी तरफ अघाड़ी उम्मीदवार राजन साल्वी को 107 वोट मिले।
बता दें कि इससे पहले गोवा से मुंबई आए बागी विधायक अपने होटल से मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ सीधे विधानसभा पहुंचे। इस दौरान उनके साथ उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और बीजेपी विधायक भी विधानसभा पहुंचे।
महाराष्ट्र विधानसभा के दो दिवसीय विशेष सत्र शुरू होने से पहले आज वहींशिवसेना में बगावत को देखते हुए उसका विधानमंडल कार्यालय सील कर दिया गया। खबरों के मुताबिक इस कार्यालय में मौजूद स्टाफ भी बाहर हैं।
बता दें कि महाराष्ट्र की सत्ता में शिंदे गुट और बीजेपी के स्थापित होने के बाद आखिरकार शिवसेना के बागी विधायकों की घर वापसी हो गई। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे खुद बागियों को लेने गोवा गए हुए थे। सीएम अपने 50 समर्थक विधायकों के साथ मुंबई आ गए हैं। इनमें से 39 विधायक शिवसेना के हैं। मुंबई आने के बाद एकनाथ शिंदे विधायकों के साथ ताज प्रेसिडेंट होटल पहुंचे। उनके साथ उनके बेटे और शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे भी मौजूद थे। इसी बीच महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस बागी विधायकों से मिलने होटल पहुंचे।
गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से बगावत करने के बाद बागी विधायकों की आखिरकार 12 दिनों के बाद घर वापसी हुई है। अब सभी विधायक अपने-अपने घर जा पाएंगे। गौरतलब है कि बीते 21 जून को शिंदे बगावत करके 25 से अधिक विधायकों के साथ गुजरात के सूरत में चले गए थे। इस खबर ने महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल पैदा कर दी थी। इसके बाद सभी विधायक असम की राजधानी गुवाहाटी चले गए। धीरे-धीरे विधायकों की संख्या बढ़ती गई और महाविकास अघाड़ी सरकार को समर्थन देने वाले 50 से अधिक विधायक बागी हो गए और आखिरकार उद्धव सरकार गिर गई।
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