पुणे में शौर्य दिवस के रूप में मनाई जाने वाली भीमा-कोरेगांव की 200वीं सालगिरह के दौरान गुजरात के नवनिर्वाचित निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी व जेएनयू में भारतविरोधी लगाने से चर्चा में आए छात्रनेता उमर खालिद पर विश्रामबाग थाने में FIR दर्ज कराई गई है. शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि जिग्नेश मेवाणी व उमर खालिद ने 'एल्गार परिषद्' नाम के इवेंट में भड़काऊ भाषण दिया जिसके चलते हिंसा भड़की थी. इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में दलित इकट्ठे हुए थे.
पुणेः महाराष्ट्र के पुणे में भीमा-कोरेगांव युद्ध की 200वीं सालगिरह के दौरान हुई जातीय हिंसा के मामले में गुजरात के निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी और जेएनयू में देशविरोधी नारे लगाने के मामले से चर्चा में आए छात्रनेता उमर खालिद के खिलाफ भणकाऊ भाषण देने के मामले में विश्रामबाग थाने में एफआईआर दर्ज हुई है. शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि जिग्नेश मेवाणी व उमर खालिद ने कार्यक्रम के दौरान भड़काऊ भाषण दिया था जिसके चलते हिंसा हुई.
पुलिस के अनुसार इन दोनों नेताओं के खिलाफ 2 जनवरी को ‘एल्गार परिषद्’ नाम के इवेंट में भड़काऊ भाषण देने की कई शिकायतें मिली हैं. वहीं एक शिकायतकर्ता के मुताबिक दोनों के भाषणों में लोगों को उकसाया गया जिसके चलते लोगों ने हिंसात्मक प्रतिक्रिया को अंजाम दिया था. पुणे में हुए इस कार्यक्रम में जिग्नेश मेवाणी, उमर खालिद के अलावा बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के पोते प्रकाश अंबेडकर, हैदराबाद विश्वविद्यालय में खुदकुशी करने वाले दलित छात्र रोहित वेमुला की मां राधिका वेमुला भी शामिल हुई थीं.
बता दें कि पुणे में सोमवार को भीमा-कोरेगांव में लड़ाई की 200वीं सालगिरह को शौर्य दिवस के रूप में मनाया गया जिसमें बड़ी तादाद में दलित इकट्ठा हुए थे. जिस दौरान कुछ लोगों ने भीमा-कोरेगांव विजय स्तंभ की ओरप जाने वाली गाड़ियों पर हमला बोल दिया जिसके चलते हिंसा भड़क उठी. हिंसा में साणसवाड़ी के राहुल पटांगले की मौत हो गई थी. हिंसा के विरोध में मंगलवार को मुंबई, नासिक, पुणे, ठाणे, अहमदनगर, औरंगाबाद और सोलापुर सहित राज्य के एक दर्जन से अधिक शहरों में दलित संगठनों ने जमकर तोड़फोड़ और आगजनी की गई.
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