मुंबई। महाराष्ट्र की राजनीति में लगातार पिछले कुछ दिनों तक चले सियासी बवाल एकनाथ शिंदे की शपथ के बाद थम गया। लेकिन इस पूरे घटनाक्रम की वजह से बीजेपी और शिवसेना के बीच झगड़े को और ज्यादा बढ़ाने का काम कर दिया है. शिवसेना लगातार आरोप लगा रही है कि ईडी का डर दिखाकर विधायकों […]
मुंबई। महाराष्ट्र की राजनीति में लगातार पिछले कुछ दिनों तक चले सियासी बवाल एकनाथ शिंदे की शपथ के बाद थम गया। लेकिन इस पूरे घटनाक्रम की वजह से बीजेपी और शिवसेना के बीच झगड़े को और ज्यादा बढ़ाने का काम कर दिया है. शिवसेना लगातार आरोप लगा रही है कि ईडी का डर दिखाकर विधायकों को बगावत के लिए मजबूर किया गया. इसी बीच अब शिवसेना नेता संजय राउत ईडी की पूछताछ के लिए पेश होने जा रहे हैं. इससे पहले उन्होंने एक ट्वीट किया है, जिसमें उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से प्रदर्शन नहीं करने के लिए आग्रह किया हैं।
राज्य सभा सांसद संजय राउत ने ट्वीटर हैंडल पर ट्वीट करते हुए लिखा कि, “मैं आज दोपहर 12 बजे ईडी के सामने पेश होने जा रहा हूं. ईडी द्वारा जारी किए गए समन का मैं सम्मान करता हूं और जांच एजेंसी का सहयोग करना मेरा कर्तव्य है. मैं सभी शिवसेना कार्यकर्ताओं से अपील करता हूं कि वो ईडी दफ्तर के बाहर जमा न हों. चिंता मत कीजिए.
बता दें कि संजय राउत को ईडी ने पहले भी नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया था. लेकिन राउत पेश नहीं हुए थे. उन्होंने कहा था कि, इस सियासी संकट के बीच मैं ईडी के सामने पेश नहीं हो पाऊंगा. मैं पूछताछ के लिए जरूर जाऊंगा लेकिन अभी नहीं. राउत ने ईडी से वक्त मांगा था. जिसके बाद ईडी ने फिर नया नोटिस जारी कर उन्हें 1 जुलाई को पूछताछ के लिए बुलाया.
दरअसल शिवसेना नेता राउत को मुंबई के पात्रा चॉल घोटाले से जुड़े मामले को लेकर ईडी ने पूछताछ के लिए बुलाया है. आरोप है कि इस पुनर्वास योजना के तहत करोड़ों रुपए का घोटाला हुआ था. जिसमें संजय राउत के करीबी प्रवीण राउत को सीधे आरोपी बनाया गया. ईडी ने इससे पहले प्रवीण राउत और संजय राउत की पत्नी से जुड़ी संपत्तियों को भी जब्त किया था. एजेंसी का दावा है कि इस घोटाले के तहत करीब एक हजार करोड़ रुपये का हेरफेर हुआ है. हालांकि राउत पहले से ही आरोप लगाते आ रहे हैं कि केंद्र सरकार की तरफ से उन्हें टारगेट किया जा रहा है.
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