नई दिल्लीः महाराष्ट्र की राजनीति में पिछले दो साल से काफी उथल-पुथल मची हुई है। इसकी सबसे बड़ी वजह है शिवसेना में दो गुट होना। एक शिंदे गुट है जो भाजपा के साथ सरकार चला रही है। दो दूसरा उद्धव ठाकरे गुट है जो कांग्रेस और एनसीपी के साथ गठबंधन में है। कुछ ऐसा ही हाल एनसीपी का है। इस पार्टी में भी अजित पवार गुट भाजपा के साथ सरकार में है और अजित पवार उपमुख्यमंत्री है। वहीं दूसरा शरद पवार गुट है। अब महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर का फैसला आ जाने के बाद उद्धव ठाकरे गुट ने सु्प्रीम कोर्ट का तो शिंदे गुट ने मुंबई हाईकोर्ट का रुख किया है।
एकनाथ शिंदे गुट के विधायक भरत गोगावाले ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए कहा कि जब स्पीकर के फैसले से सिद्ध हो गया है कि शिंदे गुट ही असली शिवसेना है तो ठाकरे गुट के विधायकों को अयोग्य घोषित किया जाए। उन्होंने स्पीकर राहुल नार्वेकर के फैसले पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि उन्होंने अपने आदेश में ऐसा क्यों नहीं कहा है ? याचिका में मांग की गई है कि शिंदे गुट ही असली शिवसेना है तो उद्धव ठाकरे गुट के 14 विधायकों को व्हिप ना मानने के लिए अपात्र करार किया जाए।
वहीं इससे पहले विधानसभा के स्पीकर राहुल नार्वेकर के फैसले के खिलाफ उद्धव ठाकरे उच्चतम न्यायालय पहुंचे हैं। उन्होंने स्पीकर के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में उद्धव ठाकरे ने कहा है कि स्पीकर का यह निर्णय गलत है, जिसमें कहा गया है कि एकनाथ शिंदे गुट के पास विधायकों की संख्या ज्यादा है और पार्टी के संविधान के मुताबिक, एकनाथ शिंदे ही असली शिवसेना के नेता हैं।
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