नई दिल्लीः महादेव बेटिंग एप मामले में छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल का नाम आने के बाद प्रवर्तन निदेशालय के वकील सौरभ पांडे ने कहा कि जांच के दौरान जैसे ही सबूत मिलेंगे, उन्हें समन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जांच के दौरान सबूत मिलने पर पूर्व मुख्यमंत्री समेत किसी को भी समन भेजा जा सकता है। बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय ने 1 जनवरी 2024 को दायर एक पूरक आरोपपत्र में बघेल का नाम लिया है। यह आरोप पत्र महादेव एप के प्रमोटरों से करीब 508 करोड़ रुपये की रिश्वत लेने के आरोप से संबंधित है।
ईडी के वकील ने बताया कि पहली सप्लीमेंट्री शिकायत में पांच लोगों के नाम थे। आरोपियों में असीम दास, भीम सिंह यादव, अनिल कुमार अग्रवाल, रोहित गुलाटी और शुभम सोनी का नाम शामिल हैं। पांडे ने बताया कि आरोपी असीम दास ने बताया था कि उन्होंने सीएम को 5 करोड़ 39 लाख रुपये दिए थे। ईडी उसके बयान को अपनी शिकायत का हिस्सा बनाया था। इसके अलावा शिकायत में दो अन्य आरोपियों के बयान भी जोड़े गए थे। हालांकि, बाद में तीनों आरोपी अपने बयान से पलटी मार दिए थे।
वकील ने कहा कि आरोपी चंद्र भूषण वर्मा और सतीश चंद्राकर की ओर से एक पत्र में कहा गया था कि मनी लॉन्ड्रिंग की धारा 50 के मुताबिक ईडी अथॉरिटी को जो भी बयान दिए गए थे, वे झूठे थे लेकिन जब ईडी अधिकारी कोर्ट से अनुमति लेने के बाद उनसे जेल में पूछताछ करने गए, तो उन्होंने इस बात से इनकार किया और कहा कि लिखे गए पत्र फर्जी थे और यह उनकी लिखावट नहीं है। सौरभ पांडे ने उन्होंने कहा कि हमारे लिए न्यायालय को यह दिखाना जरूरी है कि हमने क्या बयान दर्ज किए हैं। हमने विशेष अदालत के सामने अपना बयान दाखिल किया है और वहां अपने विचार भी रखे हैं।
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