मध्यप्रदेश में छात्रों के लिए अटेंडेंस के वक्त जय हिंद बोलना अनिवार्य कर दिया गया है. वहीं राजस्थान में राष्ट्रगान गाने को अनिवार्य कर दिया गया है.
राष्ट्रगान गाने पर देश में कभी कोई विवाद नहीं हुआ. स्कूलों में राष्ट्रगान गाया जाना रुटीन का हिस्सा है. ऐसे में राष्ट्रगान गाने के लिए अगर कोई सरकारी फरमान जारी कर दिया जाए तो सवाल उठना स्वाभाविक है कि इसकी जरूरत क्या है? राष्ट्रगान और राष्ट्रभक्ति का ये सवाल फिलहाल दो राज्यों में गूंज रहा है. मध्यप्रदेश सरकार के स्कूली शिक्षा मंत्री विजय शाह ने कहा है कि स्कूलों में जय हिंद बोला जाना अनिवार्य होना चाहिए. उनका कहना है कि अटेंडेंस के वक्त यस सर और यस मैडम बोलने की जगह जय हिंद बोलने से बच्चों में देशप्रेम की भावना जागेगी.
दूसरी ओर राजस्थान के सामाजिक न्याय विभाग ने अपने हॉस्टलों में सुबह सात बजे राष्ट्रगान गाना अनिवार्य कर दिया है. बता दें कि समाजिक न्याय विभाग की ओर से राजस्थान में एससी, एसटी और पिछड़े जाती वर्ग के बच्चों के लिए 789 हॉस्टल खोले हुए हैं जिनमें ये आदेश जारी किया गया है.
गौरतलब है कि हाल के दिनों में राष्ट्रगान’ और ‘भारत माता कि जय’ को लेकर देश में काफी विवाद छिड़ा हुआ था. कुछ समय सरकार द्वारा सिनेमाघरों में फिल्म शुरू होने से पहले राष्ट्रगान के लिए खड़े होने का आदेश दिया था. सरकार के इस आदेश पर भी न सिर्फ काफी बवाल मचा था बल्कि जमकर राजनीति भी हुई थी. राष्ट्रगान के लिए न खड़े होने पर भीड़ द्वारा मारपीट के मामले भी सामने आए थे. वहीं कई विवादित बयानों में भारत माता की जय न बोलने वाले को देशद्रोही करार देने की बात भी सामने आई थी.
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