देश-प्रदेश

मध्य प्रदेश: ये है सरकारी सिस्टम का हाल…गर्भ में मर गया बच्चा

मध्य प्रदेश:

मंडला। मध्य प्रदेश में कई ऐसे जिलें हैं, जहां के लोग आज भी बुनियादी सुविधाओं के अभाव में हैं. एमपी में पानी की किल्लत, खराब सड़क और बिजली संकट से लोग परेशान हैं. ताजा मामला मंडला के बेहरा टोला गांव का है. जहां की खराब सड़क एक गर्भवती महिला के जान पर बन आई. दरअसल, गुरुवार को गांव की सुनिया मरकाम को प्रसव पीड़ा होने पर परिजनों ने 108 एंबुलेंस को फोन लगाया. एंबुलेंस समय पर तो पहुंची, लेकिन सड़क नहीं होने से गांव तक नहीं आ सकी. एम्बुलेंस कर्मचारी सुनिया के घर पहुंचे और परिजनों की सहायता से गर्भवती को खाट पर लेकर गांव से 3 किमी बाहर निकाल कर लाया गया. और फिर एंबुलेंस में बैठाया गया. इसके बाद सुनिया को जिला अस्पताल पहुंचाया गया. जहां हालत गंभीर होने पर जबलपुर रेफर किया गया. जबलपुर जिला अस्पताल में सुनिया की डिलीवरी हुई, लेकिन बच्चा मृत पैदा हुआ.

महिला को थी हाई रिस्क प्रेगनेंसी

गांव की आशा कार्यकर्ता ने बताया कि सुनिया को हाई रिस्क प्रेग्नेंसी थी. मामला है वनांचल छेत्र की जनपद घुघरी के ग्राम बहेरा टोला का जंहा आजादी के सात दशक बाद सड़क भी नही पहुंची है. आलम यह है कि बीमारी की हालत में मरिजों को ग्रामीण या तो भगवान भरोसे छोड़ देते है या खाट पर लादकर कई किलोमीटर पैदल चलते है, तब जाकर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल पाती है. इस गांव में कल ऐसा ही हुआ जब महिला सुनिया बाई को प्रसव पीड़ा हुई, तब परिजनों ने एम्बुलेंस 108 को फोन किया. बता दें कि एम्बुलेंस बिछिया स्वास्थ्य केंद्र से 60 किलोमीटर की दूरी तय कर ग्राम पंचायत परसवाह तक तो पहुंची लेकिन सड़क के अभाव में बहेराटोला नही पहुंच सकी. इस परिस्थिति में 108 वाहन के पायलट ने पीड़ित ग्रामीण को फोन किया और बताया कि हम गांव के करीब तक तो पहुंच चुके है पर आपके टोला तक गाड़ी लाना संभव नहीं है, क्योंकि सड़क है ही नहीं।

एम्बुलेंस के पायलट और ए एम टी ने दिखाई मानवता

मामला गंभीर था और हालात नाजुक ऐसे में 108 के पायलट और एएमटी ने मानवता दिखाई और पीड़ित को खाट पर लिटाया. प्रसव पीड़ित को इन देवदूतों ने खाट पर लादकर करीब 3 किलोमीटर का उबड़ खाबड़ रास्ता तय किया और 108 तक लेकर आए और स्वास्थ्य केंद्र घुघरी पहुंचाया. प्रसव पीड़ा से कराहती महिला को देवदूतों ने अस्पताल पहुंचाया, जहां सुनिया की डिलीवरी हुई, लेकिन बच्चा मृत पैदा हुआ. परंतु जिले के इन बदतर हालातों के जिम्मेदार जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी अब भी कुम्भकर्णी नींद में है. समझा जा सकता है कि जिले के हालात कितने बदतर है ? और जवाबदार कितने गैर जिम्मेदार।

India Presidential Election: जानिए राष्ट्रपति चुनाव से जुड़ी ये 5 जरुरी बातें

Vaibhav Mishra

असिस्टेंट प्रोड्यूसर- इनखबर | राजनीति और विदेश के मामलों पर लिखने/बोलने का काम | IIMT कॉलेज- नोएडा से पत्रकारिता की पढ़ाई | जन्मभूमि- अयोध्या, कर्मभूमि- दिल्ली

Recent Posts

जल्द श्रीलंका दौरे पर जाएंगे PM मोदी, राष्ट्रपति दिसानायके का न्योता स्वीकारा

नई दिल्ली। श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके अपने पहले विदेशी दौरे पर इस वक्त…

17 minutes ago

बांग्लादेश के लिए कलंक है यूनुस! दिल्ली से ऐसी दहाड़ीं शेख हसीना, कांप उठा ढाका

भारत की राजधानी दिल्ली में बैठीं शेख हसीना ने कहा कि बांग्लादेश की वर्तमान सरकार…

21 minutes ago

इकरा हसन के विधायक भाई ने योगी की पुलिस को दौड़ाया, कैराना में महा-बवाल!

इस्सौपुरटिल इलाके में अवैध कब्जे को लेकर दो पक्षों के बीच विवाद चल रहा था।…

28 minutes ago

गावस्कर ने दिया गुरुमंत्र, सचिन ने दी सलाह, क्या अब चलेगा कोहली का बल्ला ?

क्रिकेट के दिग्गज सुनील गावस्कर ने कोहली को एक अहम सलाह दी। उन्होंने कहा कि…

35 minutes ago