मध्य प्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री अर्चना चिटनीस तब मुसीबत में आ गई जब उन्होंने वाल्मिकी समाज के एक कार्यक्रम में जाकर अपने भाषण में वाल्मिकी को डाकू बता दिया. इससे भड़के लोगों ने बवाल शुरु कर दिया तो उन्होंने माफी मांगी. मामला तब भी नहीं थमा तो वे बोलीं मेरी वाल्मीकि जी के प्रति पूरी आस्था है. मुझसे मानवीय त्रुटि हुई होगी तो मुझे विष दे दो.
भोपाल. अपने बयानों से अकसर विवादों में रहने वाली मध्यप्रदेश की महिला एवं बाल विकास मंत्री अर्चना चिटनीस इस बार हिंदुओं के धार्मिक ग्रन्थ रामायण के रचियता महर्षि वाल्मिकी को लेकर डाकू शब्द का प्रयोग कर फंस गई हैं. मंदसौर में हो रहे वाल्मिकी समाज के राष्ट्रीय अधिवेशन में पहुंची अर्चना ने उन्होंने अपने भाषण में महर्षि वाल्मिकी को डाकू रत्नाकर बोल दिया. इसपर वहां बैठे लोग भड़क गए. विवाद बढ़ता देख मंत्री अर्चना चिटनिस ने कहा कि अगर उनके शब्दों से इस समाज के लोगों की भावनाओं को चोट पहुंची है, तो वह समाज द्वारा दिए जाने वाली सजा को भुगतने को तैयार हैं. लेकिन जब उनकी इस बात पर भी जब वाल्मिकी समाज के लोगों का गुस्सा नहीं थमा तो मंत्री अर्चना चिटनिस ने डर कर मंच पर ही जहर पीने की बात कर दी.
दरअसल वे वहां वाल्मिकी समाज के लोगों को संबोधित कर रही थीं. उनके इस बयान से वहां मौजूद समाज के लोगों को गुस्सा आ गया और वे हंगामा करने लगे. बवाल बढ़ते देख अर्चना घबरा गईं और तुरंत माफी मांगने लगीं. हालात से डर कर अर्चना चिटनिस मंच से ही माफी माफी की गुहार लगाने लगीं. जब इसका भी लोगों पर कोई असर नहीं हुआ तो उन्होंने कहा, ‘मेरी वाल्मीकि जी के प्रति पूरी आस्था है. मुझसे मानवीय त्रुटि हुई होगी तो मुझे विष दे दो.’ वहीं कार्यक्रम के बाद अर्चना ने मीडिया के सामने भी इसको लेकर माफी मांगी. अर्चना चिटनीस के इस विवादास्पद बयान के बाद से वाल्मिकी समाज काफी गुस्से में है.
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