मध्य प्रदेश: भोपाल। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से प्रवर्तन निदेशालय की पूछताछ को लेकर जारी सियासी संग्राम पर मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा का बड़ा बयान सामने आया है। नरोत्तम ने कहा है कि अगर कांग्रेस नेता राहुल गांधी पूरी तरह निर्दोष है तो उनकी पार्टी सड़कों पर इतनी बौखलाहट क्यों दिखा रही […]
भोपाल। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से प्रवर्तन निदेशालय की पूछताछ को लेकर जारी सियासी संग्राम पर मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा का बड़ा बयान सामने आया है। नरोत्तम ने कहा है कि अगर कांग्रेस नेता राहुल गांधी पूरी तरह निर्दोष है तो उनकी पार्टी सड़कों पर इतनी बौखलाहट क्यों दिखा रही है। बता दें कि इंदौर नगरीय निकाय चुनाव में पार्षदों के टिकट पर मंथन करने को प्रदेश बीजेपी कार्यालय पर आयोजित बैठक में हिस्सा लेने आए गृहमंत्री मिश्रा ने मीडिया से चर्चा के दौरान ये बात कही।
गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी अगर निर्दोष है तो बोखलाहट क्यों है। वे अगर डरते नहीं है तो ये भीड़ क्यों है। जब वे इटली, बैंकाक और थाइलैंड जाते है तो अकेले जाते है, लेकिन ईडी के सामने भीड़ ले जाने की आवश्यकता क्यों पड़ रही है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के मुद्दे को राजनीतिक मुद्दा बनाने की ये कांग्रेस की नापाक कोशिश है और देश की जनता ये भली भांति जानती है। कांग्रेस की दाल में कुछ काला नहीं बल्कि पूरी दाल ही काली है, इसीलिए ये घबरा रहे है।
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता कमलनाथ ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के पास सिर्फ पुलिस, पैसा और प्रशासन ही बचा है। मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार कितने साल रही थी, लेकिन कभी इस प्रकार का दबाव नहीं बनाया गया था। ये सब प्रदेश और देश के लिए भविष्य के लिए ये सब चिंता का विषय है।
मध्य प्रदेश में इनके(भाजपा) पास केवल पुलिस, पैसा और प्रशासन बचा है। कांग्रेस की सरकार मध्य प्रदेश में कितने साल रही थी, लेकिन क्या कभी इस प्रकार का दबाव बना था? भविष्य के लिए ये सब चिंता का विषय है: मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता कमलनाथ, इंदौर (15.06) pic.twitter.com/WPiOzvXMTS
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 16, 2022
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि मोदी सरकार का 8 साल कार्यकाल काला अध्याय है, इतिहास में इस 8 साल को अगर देखा जाएगा तो ये काला अध्याय के रूप मे देखा जाएगा क्योंकि इसमें संविधान की धज्जियां उड़ रही है, लोकतंत्र खतरे में हैं और पूरे देशवासी बहुत दुखी हैं और तनाव में हैं।
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