मध्य प्रदेश: भोपाल। मध्य प्रदेश के धार जिलें के कारम डैम टूटने का मामला अभी ठंडा ही नहीं हुआ कि टीकमगढ़ में हरपुरा नहर के टूटने के खबर सामने आ गई। बताया जा रहा है कि नहर बोरी गांव के पास टूटी है, जिससे आस पास की लगभग 50 एकड़ में लगी फसल खराब हो […]
भोपाल। मध्य प्रदेश के धार जिलें के कारम डैम टूटने का मामला अभी ठंडा ही नहीं हुआ कि टीकमगढ़ में हरपुरा नहर के टूटने के खबर सामने आ गई। बताया जा रहा है कि नहर बोरी गांव के पास टूटी है, जिससे आस पास की लगभग 50 एकड़ में लगी फसल खराब हो गई है।
बता दें कि इस नहर का निर्माण 10 साल पहले सारथी कंट्रक्शन कंपनी ने किया था। लोग अब इसकी गुणवत्ता पर सवाल खड़े हो रहे हैं। नहर से 14 तालाबों तक पहुंचाना था पानी लेकिन सिर्फ 4 तालाबों तक ही इस नहर से पानी पहुंच पाया। जिले के तत्कालीन प्रभारी मंत्री जयंत मलैया ने 41 करोड़ की लागत से बनने वाली इस हरपुरा नहर का भूमि पूजन किया था।
बताया जा रहा है कि इस परियोजना से 14 तालाबों को भरा जाना था। इसके साथ ही पाइप डालकर सिंचाई के संसाधनों का विस्तार भी किया जाना था। लेकिन पहली टेस्टिंग में ही ये निर्माण कार्य फेल हो गया है। जानकारी के मुताबिक ये देश की पहली नदी से तालाब जोड़ने की परियोजना थी। अब इसका खामियाजा आसपास के किसानों को भुगतना पड़ रहा है।
गौरतलब है कि साल 2016 में बुंदेलखंड क्षेत्र के टीकमगढ़ की बंजर भूमि को फिर से हरा-भरा करने के लिए नदी से तालाब को जोड़ने की इस योजना को शुरू किया गया था। इसके बाद 41 करोड़ की लागत से हरपुरा नहर परियोजना शुरू की गई। इस नहर से जिले के 14 चंदेल कालीन तालाबों तक पानी पहुंचना था लेकिन अब ये पूरा प्रोजेक्ट फेल हो गया है।
बता दें कि नहर शुरू होने के बाद भी चंदेल कालीन तालाब सूखे पड़े रहते हैं। जब भी इस नहर से तालाबों को भरन के लिए पानी छोड़ा जाता है तो ये जगह-जगह से टूट-फूट जाती है और खेतों में पानी भरने लगता है। जिससे किसानों की फसलें पूरी तरह बर्बाद हो जाती है।
नहर के टूटने को लेकर कार्यपालन यंत्री (सिंचाई विभाग) आरएन यादव ने कहा है कि नहर की मरम्मत का कार्य जल्दी शुरू किया जाएगा। 11 करोड़ की लागत से अब नए सिरे से इस नहर का मेंटेनेंस किया जाएगा। इसके लिए टेंडर भी डाले जा चुके हैं।
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