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छेड़छाड़ का केस वापस न लेने पर सरे बाजार दलित छात्रा की सिर कुचलकर हत्या

मध्य प्रदेश के शिवनी में अनिल मिश्रा नाम के एक व्यक्ति ने दलित छात्रा की सिर कुचलकर हत्या कर दी. छात्रा ने छह महीने पहले आरोपी के खिलाफ छेड़छाड़ का मामला दर्ज कराया था. वह छात्रा पर केस वापस लेने का दवाब डाल रहा था. उसने शिवनी में कॉलेज जा रही छात्रा को रोककर सरे बाजार उसके सिर पर पत्थर दे मारा.

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Dalit student stoned to death
  • August 21, 2018 2:59 am Asia/KolkataIST, Updated 6 years ago

सिवनी: मध्य प्रदेश में छेड़छाड़ का मामला वापस न लेने से नाराज एक व्यक्ति ने दलित छात्रा की पत्थर से सिर कुचलकर हत्या कर दी. आरोपी ने सिवनी में कोतवाली पुलिस थाने से सटे गर्ल्स कॉलेज मार्ग में दिनदहाड़े इस घटना को अंजाम दिया. सोमवार दोपहर 23 वर्षीय बीए की छात्रा पैदल कॉलेज पढ़ने जा रही थी. तभी आरोपी ने आकर उसके बाल पकड़कर घसीटना शुरू कर दिया और उससे केस वापस लेने के लिए दवाब बनाने लगा. छात्रा ने इंकार किया तो आरोपी ने पत्थर से सिर कुचलकर हत्या कर दी.

मृतका छात्रा रानू नागोत्रा मध्य प्रदेश के सिवनी के गांव फुलारा की रहने वाली थी. आरोपी अनिल मिश्रा (38) भी इसी गांव का रहने वाला था. पुलिस ने बताया कि अनिल मिश्रा ने रानू नागोत्रा के सिर पर एक बड़ा सा पत्थर दे मारा. रानू बीए सेमेस्टर 5 की छात्रा थी. वह नेताजी सुभाषचंद्र बोस गर्ल्स कालेज में पढ़ने के लिए जा रही थी. इसी दौरानअनिल मोटरसाइकिल से कॉलेज मार्ग पर पहुंच गया. उसने रानू को बाल पकड़कर रोक लिया.

पुलिस अधिकारी केके वर्मा के मुताबिक, अनिल मिश्रा रानू को सड़क किनारे ले गया और उसे जमीन पर गिराकर उसके सिर पर एक बड़ा पत्थर पटक दिया. सिर पर पत्थर के वार से रानू लहूलुहान हो गई. भीड़भाड़ वाले इस इलाके में लोग उसे बचाने की कोशिश करते रहे लेकिन अनिल मिश्रा ने उसके सिर पर पत्थर दे मारा. गंभीर हालत में छात्रा को अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. मौके पर पहुंची पुलिस ने लोगों की मदद से अनिल मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया.

बताया जा रहा है कि 15 फरवरी 2018 को रानू ने अनिल पर छेड़छाड़ का मामला दर्ज कराया था. लखनवाड़ा थाना पुलिस ने अनिल के खिलाफ भादंवि की धारा 354 (स्त्री की लज्जा भंग करने के आशय से उस पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग), 506 (धमकाना) एवं एससी/एसटी एक्ट के तहत चालान कोर्ट में पेश किया था. इस घटना के बाद से अनिल मिश्रा केस वापस लेने का दवाब बना रहा था. वह उससे बदला भी लेना चाहता था.

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