नई दिल्लीः हिंदू धर्म में होली के त्योहार का विशेष महत्व होता है। वैदिक महत्व को देखा जाए तो पंचाग के मुताबिक फाल्गुन महीने के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर होलिका दहन की जाती है और अगले दिन रंगों वाली होली मनाई जाती है। वहीं इस बार होली पर विशेष संयोग बन रहा है, […]
नई दिल्लीः हिंदू धर्म में होली के त्योहार का विशेष महत्व होता है। वैदिक महत्व को देखा जाए तो पंचाग के मुताबिक फाल्गुन महीने के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर होलिका दहन की जाती है और अगले दिन रंगों वाली होली मनाई जाती है। वहीं इस बार होली पर विशेष संयोग बन रहा है, जिसके कारण होली का महत्व बढ़ गया है।
ज्योतिष के मुताबिक 100 साल बाद सोमवार को चंद्र ग्रहण का संयोग बन रहा है। वहीं इस बार 24 मार्च को होलिका दहन और 25 मार्च को होली खेली जाएगी। बता दें कि 25 मार्च को पड़ने वाला साल का पहला चंद्रग्रहण होगा। हालांकि इस चंद्रग्रहण को भारत में नहीं देखा जा सकेगा। तो आईए जानते हैं कि होली पर लगने वाला चंद्रग्रहण का सूतक काल मान्य होगा या नहीं।
साल का पहला चंद्र ग्रहण 25 मार्च, सोमवार को सुबह 10 बजकर 30 मीनट से शुरु होगा और दोपहर 3 बजकर 2 मिनट तक रहेगा। हालांकि ये चंद्रग्रहण भारत में नहीं दिखेगा। वहीं चंद्रग्रहण की कुल अवधि 4 घंटे 36 मिनट की होगी। ये ग्रहण कन्या राशि और उत्तरफालगुनी नक्षत्र में लगने जा रहा है। ये ग्रहण भारतवर्ष में नहीं दिखेगा इसलिए इसका सूतककाल मान्य नहीं होगा और ना ही किसी तरह से नियम लागू होते हैं।
25 मार्च को लगने जा रहे चंद्रग्रहण का सभी राशियों पर असर पड़ेगा। इस ग्रहण का असर अगले एक महीने तक अलग-अलग राशियों पर पड़ेगा। मेष, कर्क, धनु और वृश्चिक अनुकूल रहने वाला है। वहीं वृषभ, सिंह, मकर और मीन राशि के लिए ये ग्रहण मध्यम रहेगा। इसके अलावा मिथुन, कन्या, तुला और कुंभ राशि के लिए ग्रहण पर नकारात्मक प्रभाव रहेगा।