पेट्रोल डीजल और एलपीजी के दाम में इस साल भारी बढ़ोतरी दर्ज की गई है. घरेलू गैस के सिलेंडर के दाम अप्रैल से अक्टूबर के बीच 226 रुपये बढ़ चुके हैं. महंगी होती गैस से परेशान लोग अब सब्सिडी वापस मांगने लगे हैं. इसके साथ ही एक औऱ समस्या यह हो रही है कि लोगों की सब्सिडी एक गलती पर गिव इट हो जा रही है.
नई दिल्ली. इस साल गैस सिलेंडर की कीमत में तेजी से बढ़ोतरी दर्ज की गई है. इसी साल अप्रैल में गैस सिलेंडर 649 रुपये का था जो अक्टूबर में 875 रुपये का हो चुका है. गैस सिलेंडर के दाम में 226 रुपये की बढ़ोतरी हुई है. इसके अलावा बहुत सारे लोगों की शिकायत है कि सिलेंडर की सब्सिडी भी उनके खाते में नहीं आ रही है. एक अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक नोएडा में कई उपभोक्ताओं की शिकायत है कि उनका अकाउंट अचानक अनएक्टिव हो जा रहा है जिसकी वजह से सब्सिडी उनके खाते में नहीं आ पा रही है.
इसके अलावा सबसे ज्यादा परेशानी का सामना उन उपभोक्ताओं को करना पड़ रहा है जिनसे गैस बुक करते समय गलती से जीरो बटन दब गया है. जीरो बटन दबाने के साथ ही उनकी सब्सिडी गिव इट अप होकर ऑटोमैटिक आईवीआरएस के जरिए सीधे सरकार के खाते में चली जा रही है. जीरो बटन दबने के साथ ही उपभोक्ता की एक साल की सब्सिडी खत्म हो जा रही है. इससे उपभोक्ताओं पर दोहरी मार पड़ रही है. लोगों अब अपनी सब्सिडी वापस लेने के प्रयास कर रहे हैं.
बता दें कि अप्रैल 2018 में एलपीजी सिलेंडर का दाम 649 रुपये था जिसपर 161 रुपये सब्सिडी उपभोक्ता के खाते में आ जाती थी. अब सिलेंडर का दाम 875 रुपये है जिस पर 379 रुपये सब्सिडी मिलती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई बार जनसभा में कहते नजर आते हैं कि उनकी अपील पर लाखों लोगों ने गैस सब्सिडी छोड़ दी है लेकिन बहुत सारे मामले गलती के चलते सामने आ रहे हैं. उत्तर प्रदेश के सम्भल और चन्दौसी की छह गैस एजेंसियों पर करीब 140 लोग सब्सिडी वापस लेने के लिए आवेदन कर चुके हैं. अभी और भी उपभोक्ता सब्सिडी वापस लेने के लिए अप्लाई कर रहे हैं.
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