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रामलला को पहनाए गए वस्त्र और आभूषण, जानें क्या है इसका महत्व

रामलला को पहनाए गए वस्त्र और आभूषण, जानें क्या है इसका महत्व

नई दिल्ली: भगवान श्री राम अपने महल में विराजमान हैं. अपने भव्य निवास की सुंदरता को उजागर करते हुए, भगवान श्री राम अपने दिव्य आभूषणों और वस्त्रों के माध्यम से आध्यात्मिकता और परंपरा को प्रदर्शित करते हैं. बता दें कि गहन शोध और अनुसंधान के बाद 14 दिनों में इन दिव्य आभूषणों का निर्माण किया गया. साथ ही इस कार्य के लिए अध्यात्म रामायण, वाल्मीकि रामायण, रामचरितमानस और आलवन्दर स्तोत्र जैसे ग्रंथों में श्री राम के शास्त्र वैभव के वर्णन की मदद ली गई है. तो आइये जानते है इसके बारे में….

तीर-धनुष – रामलला के हाथ में मोती, माणिक और पन्ना से सुसज्जित एक सोने का धनुष भी है, जबकि दाहिने हाथ में एक सुनहरा तीर भी है.

मुद्रिका- रामलला के दोनों हाथों में रत्नों से सजी और लटकते मोतियों वाली अंगूठियां भी हैं.

कंगन- रामलला की दोनों कलाइयों में रत्न जड़ित कंगन पहनाये गए हैं.

वैजयंती और विजयमाला- रामलला के गले में ये तीसरा और सबसे लंबा हार है, जो सोने से बना है और उसके बीच-बीच में माणिक जड़ा हुआ है. दरअसल विजय के प्रतीक के रूप में पहना जाने वाला ये आभूषण वैष्णव परंपरा के शुभ प्रतीकों – सुदर्शन चक्र, कमल, शंख और मंगल कलश को दर्शा रहा है. साथ ही इसमें कमल, चंपा, पारिजात, कुंद और तुलसी भी शामिल हैं .

वस्त्र – रामलला को बनारसी कपड़े के पहनाए गए हैं. जिसमें पीली धोती और लाल पटका और अंगवस्त्रम शामिल है. ये अंगवस्त्रम शुद्ध सोने की जरी और धागों से सुशोभित हैं, इन पर शुभ वैष्णव प्रतीक-शंख, पद्म, चक्र और मृगतृष्णा अंकित हैं.

मुकुट- उत्तर भारतीय शैली में बने श्री रामलला का मुकुट सोने से बना हुआ है और माणिक, पन्ना और हीरे से सजाया गया है. बता दें कि मुकुट के ठीक मध्य में सूर्य देव का प्रतीक है, और मुकुट के दाहिनी ओर मोतियों की लड़ियां करीने से बुनी गई हैं. भगवान के माथे को हीरे और माणिक से बने पारंपरिक शुभ तिलक से सजाया गया है.

कुंडल- श्रीराम लला को पहनाए गए और कुंडल को इस तरह डिजाइन किया गया है, लेकिन वो उनके मुकुट के साथ मेल खाएं है, कुंडल को मोर के रूप में दर्शाया गया है और सोने से बने कुंडल में हीरे, माणिक और पन्ने भी जड़े हुए हैं.

बाजूबंद- भगवान की दोनों भुजाओं पर सोने और बहुमूल्य पत्थरों से जड़ित बाजूबंद भी हैं.

चांदी के खिलौने- भगवान के सामने चांदी से बने झुनझुना, हाथी, घोड़ा, खिलौना गाड़ी आदि भी शामिल हैं.

कंठा- भगवान के गले में अर्द्धचंद्राकार रत्नों से जड़ित कंठा सुशोभित, और इसमें मंगल का विधान रचते पुष्प हैं. दरअसल बीच में सूर्यदेव बने हैं, और सोने से बना ये कंठा हीरे, माणिक्य और पन्नों से जड़ा है. कंडे के नीचे पन्ने की लड़ियां भी लगाई गई हैं.

कांची और करधनी – भगवान के कमर में सोने से बना है और रत्नों से जड़ित एक कमबंद सुशोभित है. बता दें कि इसमें हीरे, माणिक, मोती और पन्ने जड़े हैं, और कमरबंद में पवित्रता का प्रतीक छोटी घंटियां भी शामिल हैं.

बिछिया और पैंजनिया- भगवान के पैरों में रत्नजड़ित सुनहरी पायल और बिछिया भी हैं. जिनमे हीरे और माणिक जड़े हुए हैं.

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