नई दिल्लीः एक तरफ अयोध्या में राम मंदिर में रामलला को विराजमान करने की तैयारियां चल रही हैं तो वहीं दूसरी तरफ बीजेपी अब मुस्लिमों को अपने पाले में लाने की रणनीति पर भी काम कर रही है। बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा 12 जनवरी से मुस्लिम महिलाओं को लेकर ‘शुक्रिया मोदी भाईजान’ अभियान शुरू करने जा […]
नई दिल्लीः एक तरफ अयोध्या में राम मंदिर में रामलला को विराजमान करने की तैयारियां चल रही हैं तो वहीं दूसरी तरफ बीजेपी अब मुस्लिमों को अपने पाले में लाने की रणनीति पर भी काम कर रही है। बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा 12 जनवरी से मुस्लिम महिलाओं को लेकर ‘शुक्रिया मोदी भाईजान’ अभियान शुरू करने जा रहा है जिसके लिए पार्टी ने ‘न दूरी है, न खाई है… मोदी हमारा भाई है’ का नारा दिया है।
बीजेपी मुस्लिम महिलाओं को टारगेट कर शुक्रिया मोदी भाईजान अभियान शुरू करने जा रही है। 12 जनवरी को लखनऊ से शुरू होने जा रहे इस अभियान के जरिए पार्टी की रणनीति रामलला प्राण प्रतिष्ठा को लेकर आयोजित समारोह में मुस्लिम भागीदारी सुनिश्चित करने पर मंथन है। भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा ने मुस्लिम महीलाओं के बीच शुरु किए जा रहे अभियान के लिए ना दूरी है ना खाई.. मोदी हमारा भाई है का नारा दिया है।
पीएम मोदी और भाजपा का ध्यान आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक दृष्टीकोण से पिछड़ा माने जाने वाले पासमांदा मुसलमानों को साधने पर है। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री दानिश आजाद अंसारी के मंत्री बनाया जाना भी भाजपा की पासमांदा पॉलिटिक्स से जोड़कर देखा जा रहा है। वहीं दानिश भी पसमांदा समाज से ही आते हैं। इसके साथ ही पसमांदा मुस्लिमों को टारगेट कर मोदी सरकार ने शादी शगुन, उस्ताद, मुस्लिम पसमांदा उत्थान और अल्पसंख्यकों के लिए कौशल विकास योजना जैसी कई योजनाएं भी शुरू की हैं।