नई दिल्लीः तृणमूल कांग्रेस ने रविवार यानी 10 मार्च को कोलकाता के ब्रिगेड परेड मैदान में आयोजित मेगा रैली में पश्चिम बंगाल की सभी 42 लोकसभा सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा कर दी। टीएमसी की घोषणा करने के तुरंत बाद कांग्रेस ने राज्य में गठबंधन को लेकर अपना बयान जारी किया। दरअसल कांग्रेस को […]
नई दिल्लीः तृणमूल कांग्रेस ने रविवार यानी 10 मार्च को कोलकाता के ब्रिगेड परेड मैदान में आयोजित मेगा रैली में पश्चिम बंगाल की सभी 42 लोकसभा सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा कर दी। टीएमसी की घोषणा करने के तुरंत बाद कांग्रेस ने राज्य में गठबंधन को लेकर अपना बयान जारी किया। दरअसल कांग्रेस को अभी भी बंगाल में टीएमसी से गठबंधन की उम्मीद है।
कांग्रेस ने अपने बयान में कहा कि नामांकन वापस लेने तक गठबंधन के लिए उसके दरवाजे खुले हैं। साथ ही पार्टी की ओर से कहा गया है कि किसी भी समझौते को बातचीत के जरिए अंतिम रूप दिया जाना चाहिए, न कि एकतरफा घोषणाओं से। टीएमसी उम्मीदवारों की लिस्ट जारी होने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हमारे दरवाजे हमेशा खुले हैं और गठबंधन नामांकन वापसी से पहले कभी भी हो सकता है।
जयराम रमेश ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि कांग्रेस ने हमेशा कहा है कि इस तरह के समझौते को बातचीत के जरिए अंतिम रूप दिया जाना चाहिए, न कि एकतरफा घोषणाओं से।” उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस हमेशा से चाहती थी कि आईएनडीआईए समूह एक साथ मिलकर भाजपा का मुकाबला करे।
नई दिल्लीः तृणमूल कांग्रेस ने रविवार यानी 10 मार्च को कोलकाता के ब्रिगेड परेड मैदान में आयोजित मेगा रैली में पश्चिम बंगाल की सभी 42 लोकसभा सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा कर दी। टीएमसी की घोषणा करने के तुरंत बाद कांग्रेस ने राज्य में गठबंधन को लेकर अपना बयान जारी किया। दरअसल कांग्रेस को अभी भी बंगाल में टीएमसी से गठबंधन की उम्मीद है।
कांग्रेस ने अपने बयान में कहा कि नामांकन वापस लेने तक गठबंधन के लिए उसके दरवाजे खुले हैं। साथ ही पार्टी की ओर से कहा गया है कि किसी भी समझौते को बातचीत के जरिए अंतिम रूप दिया जाना चाहिए, न कि एकतरफा घोषणाओं से। टीएमसी उम्मीदवारों की लिस्ट जारी होने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हमारे दरवाजे हमेशा खुले हैं और गठबंधन नामांकन वापसी से पहले कभी भी हो सकता है।
जयराम रमेश ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि कांग्रेस ने हमेशा कहा है कि इस तरह के समझौते को बातचीत के जरिए अंतिम रूप दिया जाना चाहिए, न कि एकतरफा घोषणाओं से।” उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस हमेशा से चाहती थी कि आईएनडीआईए समूह एक साथ मिलकर भाजपा का मुकाबला करे।