लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे 4 जून को आ गए हैं. नतीजों में किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है ऐसे में रीजनल पार्टियों की भूमिका सरकार बनानें के लिए बढ़ गई है. इस लोकसभा चुनाव में एक बार फिर से बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है लेकिन उसकी सीटें उतनी नहीं […]
लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे 4 जून को आ गए हैं. नतीजों में किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है ऐसे में रीजनल पार्टियों की भूमिका सरकार बनानें के लिए बढ़ गई है. इस लोकसभा चुनाव में एक बार फिर से बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है लेकिन उसकी सीटें उतनी नहीं आई हैं जिससे कि वो साल 2019 की तरह अकेले दम पर सरकार बना ले. इस लिए अब सवाल है कि क्या उसके गठबंधन के अन्य साथी एनडीए में रहेंगे या चले जाएंगे. एनडीए गठबंधन को छोड़ने के लिए जो नाम सबसे अधिक चर्चाओं में है वो है नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू का. तो आइए जानते हैं कि यदि नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू एनडीए को छोड़कर इंडिया गठबंधन में आतें है तो क्या इंडिया की सरकार बन जाएगी ?
तो फिलहाल अभी एनडीए के पास सरकार बनानें के लिए बहुमत के आंकड़े 272 से कहीं ज्यादा 292 सीटें है. इंडिया गठबंधन के पास 234 सीटें है. तो अभी यदि इंडिया गठबंधन सरकार बनाने के लिए आगे आती है तो उसे 38 सीटों की जरूरत होगी. यदि एनडीए गठबंधन की टीडीपी और जेडीयू भी इंडिया गठबंधन के साथ आ जाते हैं तो टीडीपी की 16 और जेडीयू की 12 सीटों को जोड़ो तो होता है 28. इंडिया गठबंधन में 234+28= 262 सीटें ही हो पाएंगी. मतलब अभी भी इंडिया गठबंधन बहुमत के उस जादुई आंकड़े से 10 सीट पीछे है. तो अब इंडिया गठबंधन को अन्य सांसदों की करनी होगी जिन्होंने इस लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज की है. बता दें कि इस बार के चुनाव में 7 निर्दलीय उम्मीदवार जीते हैं औऱ बाकी कुछ ऐसे दल भी जिन्होंने एक-दो लोकसभा सीटें जीती हैं जो किसी गठबंधन का हिस्सा नहीं थे.
तो इंडिया गठबंधन इन सात उम्मीदवार में से पांच को अपनी टीम में शामिल करने का प्रयास कर सकता है. क्योंकि दो निर्दलीय उम्मीदवार ऐसे भी हैं जिनका कांग्रेस साथ नहीं चाहेगी, जैसे खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह, पूर्व पीएम इंदिरा गांंधी की हत्या करने वाले बेअंत सिंह के बेटे सरबजीत सिंह खालसा जैसे लोगों से दूरी बनाएगी. और इन लोगों को गठबंधन में शामिल होनें से ज्यादा कोई दिक्कत भी नहीं होगी.
सरकार बनानें के लिए असदुद्दीन ओवैसी जिन्होंने हैदराबाद में माधवी लता को हराकर जीत दर्ज की है यदि कांग्रेस उनसे बात करेगी तो वो भी शामिल हो सकते हैं. इसके अलावा नगीना सीट से चुने गए चंद्रशेखर आजाद का नाम है जो पहले ही मोदी सरकार को गिरानें की बात कर चुके हैं. अब बहुमत हासिल करने के लिए बची तीन सीटें. जगनमोहन रेड्डी की पार्टी YSRCP जिसने आंध्रप्रदेश में चार सीटें जीती है ये भी किसी गठबंधन का हिस्सा नहीं है. तो ये भी गठबंधन में शामिल हो सकते है. अब इंडिया गठबंधन बहुमत का आंकड़ा पार कर जाएगा. इंडिया गठबंधन की 234 सीटें, नीतीश-नायडू की 28 सीटें, निर्दलीय 5 सीटें, ओवैसे,रावण की 2 सीटें, YSRCP की 4 सीटें, यदि इन सबको जोड़ा जाए तो आंकड़ा 273 तक पहुंचता है. और सरकार बनानें के लिए भी इतनी ही सीटों की आवश्यकता है.
लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने सबसे अधिक 240 सीटों को जीतकर देश की सबसे बड़ी पार्टी बनी हुई है. कांग्रेस 99 सीटें जीती हैं तो वहीं समाजवादी पार्टी 37 सीटों के साथ देश की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बन गई है. तृणमूल कांग्रेस ने 29 सीटें, टीडीपी ने 16 और नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने 12 सीटें जीते हैं. डीएमके ने 22 सीटें, RJD- YSRCP को 4-4 सीटें और आम आदमी पार्टी को 3 सीटें मिली हैं. इसके अलावा 7 निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है.