नई दिल्लीः चुनाव आयोग द्वारा लोकसभा चुनावों के वोटिंग के लिए 19 अप्रैल से 1 जून तक 7 चरणों की घोषणा का विपक्ष की अधिकतर पार्टीयों ने स्वागत किया है लेकिन कुछ ने यह सवाल भी उठाया है कि चुनाव प्रक्रिया को इतना लंबा खींचे जाने से भाजपा को ही फायदा होगा। साथ ही कांग्रेस […]
नई दिल्लीः चुनाव आयोग द्वारा लोकसभा चुनावों के वोटिंग के लिए 19 अप्रैल से 1 जून तक 7 चरणों की घोषणा का विपक्ष की अधिकतर पार्टीयों ने स्वागत किया है लेकिन कुछ ने यह सवाल भी उठाया है कि चुनाव प्रक्रिया को इतना लंबा खींचे जाने से भाजपा को ही फायदा होगा। साथ ही कांग्रेस ने इस ओर भी इशारा किया है कि आगामी चुनाव लोकतंत्र को बचाने का आखिरी मौका है। तृणमूल कांग्रेस ने भी कहा है कि चुनाव आयोग ने एक या दो चरण में पश्चिम बंगाल में चुनाव कराने के सरकार के सुझाव पर ध्यान नहीं दिया है। इसमें कहा गया है कि राज्य में सात चरण के मतदान से एक बार फिर जिन पार्टियों को मिला ज्यादा फंड उनको होगा फायदा।
बता दें कि 44 दिन की मतदान अवधि 1951-52 में पहले लोकसभा चुनाव के बाद दूसरी सबसे लंबी अवधि होगी । इसको लेकर एक्स पर शनिवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पोस्ट करते हुए कहा कि 2024 के आम चुनाव भारत के लिए न्याय के दरवाजे खोलेगा। उन्होंने लिखा कि 2024 के लोक सभा चुनाव भारत के लिए न्याय के दरवाजे खोलेगा। यह शायद लोकतंत्र और संविधान को बचाने का आखिरी मौका है। हम भारत के लोग इस नफरत, लूट,बेरोजगारी,महंगाई और अत्याचार से साथ में लड़ेंगे।
मीडिया से बात करते हुए मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा 7 चरण के मतदान का मतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सब जगह दौरा करना चाहते हैं और नहीं तो इसे तीन या फिर चार चरणों में भी खत्म किया जा सकता था। एक न्यूज एजेंसी से बात करते हुए उन्होंने कहा कि हमें इस बात को लेकर बेचैनी नहीं है कि आगे क्या होगा,लेकिन मोदी जी का 7 चरण में चुनाव कराने का मतलब है कि वो सब जगह दौरा करना चाहते हैं। इस देश में मैंने भी 12 चुनाव देखे हैं और उनमें आमतौर पर चार चरण हुआ करते थे। कई बार केवल एक चरण में भी चुनाव खत्म हुए हैं।