नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मोदी ने आज संसद के बजट सत्र के सातवें दिन लोकसभा में अपनी बात रखी। उन्होंने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब दिया। पीएम मोदी ने विपक्षी दलों पर हमला बोलते हुए कहा कि आज देश हर क्षेत्र में तरक्की कर रहा है, लेकिन कुछ लोग इस […]
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मोदी ने आज संसद के बजट सत्र के सातवें दिन लोकसभा में अपनी बात रखी। उन्होंने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब दिया। पीएम मोदी ने विपक्षी दलों पर हमला बोलते हुए कहा कि आज देश हर क्षेत्र में तरक्की कर रहा है, लेकिन कुछ लोग इस तरक्की को स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि आज दुनिया में भारत का डंका बज रहा है। भारत मैन्यूफैक्चरिंग का हब बन गया है। आज देश में हर क्षेत्र में आशा ही आशा नजर आ रही है, लेकिन कुछ लोगों को ये नहीं नजर आ रहा है। अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने काका हथरसी को कोट करते हुए कहा कि जिसकी जैसी सोच होगी, उसे वैसा ही नजर आएगा।
लोकसभा में अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि पिछले दो से तीन दशक देश में अस्थिरता के रहे हैं, लेकिन आज देश में एक स्थिर सरकार है। आज देश में एक फैसले लेने वाली सरकार है। पीएम मोदी ने कहा कि आज देश आत्मविश्वास से भरा हुआ है। डिजिटल इंडिया की हर तरफ वाह-वाही हो रही है। एक वक्त था जब देश छोटी टेक्नोलॉजी के लिए भी तरसता था। पीएम मोदी ने वैश्विक अस्थिरता और युद्ध की स्थिति का जिक्र करते हुए कहा कि हम अपनी इच्छाशक्ति से सुधार कर रहे हैं। आज देश में राष्ट्रहित में फैसले लेने वाली सरकार है।
संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री ने बिना नाम लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कल कुछ लोग बोल रहे थे तो पूरा इकोसिस्टम उछल रहा था। कल उन्हें नींद भी अच्छी आई होगी, इसलिए आज शायद उठ भी नहीं पाए होंगे। पीएम ने आगे कहा कि कल कुछ लोग तो ये भी कह रहे थे कि ये हुई न बात। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के दौरान कुछ लोग कन्नी काट गए थे। एक बड़े नेता ने उनका अपमान भी कर दिया।
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में राष्ट्रपति के अभिभाषण के कुछ वाक्य भी कोट किए। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण पर किसी को भी ऐतराज नहीं है। इसकी किसी ने भी आलोचना नहीं की है। प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे खुशी है कि किसी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण का विरोध नहीं किया और सबने स्वीकार किया। इसे पूरे सदन की स्वीकृति मिली है।
कारगिल युद्ध के साजिशकर्ता थे मुशर्रफ, 1965 में भारत के खिलाफ लड़े थे युद्ध
Parvez Musharraf: जानिए क्या है मुशर्रफ-धोनी कनेक्शन, लोग क्यों करते हैं याद