नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव बीत गए हैं और अब वहां मतगणना का इंतजार है। इस चुनाव में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के विवाद काफी चर्चा में रहा। भाजपा के नेताओं ने भी इस मामले पर प्रतिक्रिया दी और चुटकियों के जरिए सपा-कांग्रेस के रिश्ते के साथ ही I.N.D.I.A. गठबंधन पर भी टिप्पणी […]
नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव बीत गए हैं और अब वहां मतगणना का इंतजार है। इस चुनाव में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के विवाद काफी चर्चा में रहा। भाजपा के नेताओं ने भी इस मामले पर प्रतिक्रिया दी और चुटकियों के जरिए सपा-कांग्रेस के रिश्ते के साथ ही I.N.D.I.A. गठबंधन पर भी टिप्पणी की। कांग्रेस और सपा के रिश्तों में चल रही खटास के बाद कयास इस बात के भी लगाए जा रहे हैं कि अगर दोनों में बात नहीं बनी तो अखिलेश यादव, मध्य प्रदेश में फिर एक बार ताल ठोकेंगे। लोकसभा चुनाव के दौरान अगर कांग्रेस ने यूपी में किसी किस्म की नई शर्त रखी तो सपा भी एमपी में लोकसभा चुनाव के दौरान वही कर सकती है जो विधानसभा चुनाव में किया।
सपा का प्लान है कि अगर कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में गठबंधन के लिए कुछ अलग से शर्तें रखीं तो वह मध्य प्रदेश की उन सीटों पर आक्रामक चुनाव लड़ेगी जिनकी सीमाएं उत्तर प्रदेश से सटती हैं। गौरतलब है कि अखिलेश यादव की अगुवाई में सपा ने एमपी विधानसभा चुनाव में आक्रामक चुनावी प्रचार किया था। हालांकि समाजवादी पार्टी की सारी रणनीति फिलहाल 3 दिसंबर को चुनावी फैसले पर टिकी हुई है। पार्टी नेताओं का मानना है कि अगर वह प्रदे में इस स्थिति में आती है कि वह कांग्रेस से लोकसभा चुनावों में तोलमोल कर सके तो वो बिल्कुल करेगी।
यूपी के लिए एक ओर जहां अखिलेश यादव I.N.D.I.A. से ज्यादा PDA पर जोर दे रहे हैं और कांग्रेस भी सभी 80 सीटों पर लड़ने की तैयारी की बात कर रही है। ऐसे में दोनों पार्टियों के गठबंधन को लेकर कई सवाल हैं। उत्तर प्रदेश में सपा ही नहीं बल्कि जयंत चौधरी की अगुवाई वाली राष्ट्रीय लोकदल भी कांग्रेस पार्टी का इंतजार कर रही है। बता दें कि राजस्थान में सीट को लेकर आरएलडी का भी कांग्रेस से तकरार हुआ था।