नई दिल्ली। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में सीट न मिलने से नाराज समाजवादी पार्टी की कांग्रेस से तकरार कम होने का नाम नहीं ले रही है। हालांकि ऐसा दावा किया जा रहा है कि आगामी लोकसभा चुनाव से पहले दोनों दलों के बीच खटास कम हो जाएगी और ‘इंडिया’ गठबंधन एकजुट होकर चुनाव लड़ेगा। बावजूद […]
नई दिल्ली। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में सीट न मिलने से नाराज समाजवादी पार्टी की कांग्रेस से तकरार कम होने का नाम नहीं ले रही है। हालांकि ऐसा दावा किया जा रहा है कि आगामी लोकसभा चुनाव से पहले दोनों दलों के बीच खटास कम हो जाएगी और ‘इंडिया’ गठबंधन एकजुट होकर चुनाव लड़ेगा। बावजूद इसके दोनों पार्टियां ‘प्लान टू’ पर भी काम कर रहे हैं। अगर किसी कारण से गठबंधन टूटता है तो उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के लिए बड़ी परेशानी खड़ी हो सकती है।
समाजवादी पार्टी एमपी का बदला उत्तर प्रदेश में ले सकती है। माना जा रहा है कि सपा ने रायबरेली और अमेठी में मजबूत प्रत्याशी की तलाश शुरू कर दी है। वहीं कांग्रेस
पार्टी भी सैफई के लिए एक सीट छोड़कर बाकी सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता के अनुसार अगर गठबंधन नहीं हुआ तो सपा रायबरेली और अमेठी में भी अपने उम्मीदवार उतार सकती है।
रायबरेली से कांग्रेस की शीर्ष नेता सोनिया गांधी सांसद हैं तो वहीं अमेठी से राहुल गांधी चुनाव लड़ते रहे हैं। हालांकि 2019 में उन्हें यहां भाजपा की स्मृति ईरानी के हाथों हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन राहुल इस बार फिर अमेठी से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। अगर सपा कांग्रेस से अलग हुई और अपने उम्मीदवार उतारे तो इन दोनों ही सीटों को जीतना कांग्रेस पार्टी के लिए मुश्किल हो जाएगा।
खबरों के अनुसार, समाजवादी पार्टी रायबरेली में ऊंचाहार से विधायक मनोज पांडेय के नाम पर विचार कर रही है तो वहीं अमेठी के लिए गौरीगंज से विधायक राकेश प्रताप सिंह के नाम पर पार्टी विचार कर रही है। अब तक इन दोनों सीटों पर समाजवादी पार्टी अपने प्रत्याशी नहीं उतारती थी।