नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव(Lok Sabha Election) से पहले कांग्रेस के कई कद्दावर नेता पार्टी का दामन छोड़कर भाजपा(BJP) में शामिल हो रहे हैं। एक ओर पार्टी के शीर्ष नेता चुनावी रैली में केंद्र सरकार के कामों पर जमकर निशाना साध रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ उन्हीं के नेता पार्टी पर आरोपों की झड़ी लगाकर भाजपा […]
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव(Lok Sabha Election) से पहले कांग्रेस के कई कद्दावर नेता पार्टी का दामन छोड़कर भाजपा(BJP) में शामिल हो रहे हैं। एक ओर पार्टी के शीर्ष नेता चुनावी रैली में केंद्र सरकार के कामों पर जमकर निशाना साध रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ उन्हीं के नेता पार्टी पर आरोपों की झड़ी लगाकर भाजपा में शामिल हो रहे हैं। हाल ही में कांग्रेस छोड़ने वाले नेता गौरव वल्लभ न्यूज डिबेट्स में पार्टी की आवाज रहे हैं। गौरव वल्लभ ने गुरुवार को कांग्रेस को दिशाहीन बताकर कांग्रेस छोड़ दी। वहीं महाराष्ट्र में पार्टी की आवाज बुलंदी से उठाने वाले संजय निरुपम को खुद कांग्रेस ने ही पार्टी से निकाल दिया।
चुनावी मौसम में कांग्रेस से नाता तोड़ने वालों की लिस्ट लंबी है। बता दें कि पिछले एक महीने में अर्जुन मोढ़वाडिया, अरविंद लदानी, केरल के पूर्व मुख्यमंत्री के. करुणाकरण की बेटी पद्मजा वेणुगोपाल, अजय कपूर, रोहन गुप्ता, राजेश कुमार, परनीत कौर (कैप्टन अमरिंदर सिंह की पत्नी), रवनीत सिंह बिट्टू, संजय निरुपम, विजेंदर सिंह (बॉक्सर), गौरव वल्लभ ने कांग्रेस पार्टी को अलविद कहा।
कांग्रेस की नेतृत्व को लेकर अस्पष्टता लंबे समय से कमजोर कड़ी मानी जाती रही है। इसी बीच कांग्रेस ने इस नाराजगी को दूर करने के लिए एक लंबे अंतराल के बाद किसी गैर गांधी परिवार के नेता को पार्टी का अध्यक्ष चुना। हालांकि संजय निरुपम ने आरोप लगाया कि इस मजबूत फैसले के बाद भी पार्टी में नेतृत्व को लेकर संघर्ष की बात सामने आती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में पांच पावर सेंटर बन गए हैं।