नई दिल्ली। देश में होने वाले लोकसभा चुनाव जैसे-जैसे करीब आता जा रहा है वैसे ही सियासी हलचल और तेज होती जा रही है। भाजपा को हराने के मकसद से इस चुनाव में 26 से अधिक विपक्षी दल गठबंधन करके चुनाव में उतरने का एलान कर चुके हैं। विपक्ष के इस इंडिया (I.N.D.I.A) गठबंधन में […]
नई दिल्ली। देश में होने वाले लोकसभा चुनाव जैसे-जैसे करीब आता जा रहा है वैसे ही सियासी हलचल और तेज होती जा रही है। भाजपा को हराने के मकसद से इस चुनाव में 26 से अधिक विपक्षी दल गठबंधन करके चुनाव में उतरने का एलान कर चुके हैं। विपक्ष के इस इंडिया (I.N.D.I.A) गठबंधन में उत्तर प्रदेश के प्रमुख दल समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय लोकदल भी शामिल हैं। सबकी निगाहें इस गठबंधन के सीट बंटवारे के एलान पर टिकी हुई हैं।
इस चुनावी हलचल के बीच एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया कि इंडिया गठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर फॉर्मूला लगभग तैयार कर लिया है और संभावित तौर पर यह तय कर लिया गया है कि किस राज्य में कौन कितनी सीटों पर चुनाव लड़ने वाला है। लोकसभा में सबसे अदिक सीटें यूपी (80) से हैं और यह भी कहा जाता है कि केंद्र की सत्ता की सीढ़ी यूपी से ही होकर जाती है। ऐसे में उत्तर प्रदेश का महत्व और बढ़ जाता है।
खबरों के अनुसार, उत्तर प्रदेश की 80 सीटों में से कांग्रेस को 8-10, समाजवादी पार्टी को 65 और अन्य स्थानीय घटक दलों को 5-7 सीटें दिए जाने की संभावना है। बता दें कि इन अन्य स्थानीय घटक दलों में जयंत चौधरी की आरएलडी भी शामिल है। समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव कुछ दिन पहले यह बात भी कह चुके हैं कि सपा यूपी में 65 सीटों पर चुनाव लड़ेगी और बाकी सीटें अन्य पार्टियों के लिए छोड़ देगी।