UP Lok Sabha Election 2024: यूपी में पुराने समीकरण कैसे दुरुस्त करेगी BJP! गढ़ में मिलने वाली है चुनौती

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में अब तीन से चार महीने का समय बचा है। ऐसे में राजनीतिक पार्टियां और उनके नेता अपनी रणनीतियों को दुरुस्त करने में लगे हैं। लोकसभा के लिहाज से देश में सबसे अधिक सीटें उत्तर प्रदेश में हैं। सभी राजनीतिक दलों की कोशिश है कि वो 80 सीटों में बड़ा हिस्सा […]

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UP Lok Sabha Election 2024: यूपी में पुराने समीकरण कैसे दुरुस्त करेगी BJP! गढ़ में मिलने वाली है चुनौती

Arpit Shukla

  • December 17, 2023 2:13 pm Asia/KolkataIST, Updated 11 months ago

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में अब तीन से चार महीने का समय बचा है। ऐसे में राजनीतिक पार्टियां और उनके नेता अपनी रणनीतियों को दुरुस्त करने में लगे हैं। लोकसभा के लिहाज से देश में सबसे अधिक सीटें उत्तर प्रदेश में हैं। सभी राजनीतिक दलों की कोशिश है कि वो 80 सीटों में बड़ा हिस्सा जीतने में सफल हो जाएं ताकि केंद्र की राजनीति में उनका दबदबा बना रहे। इन सबके बीच बीजेपी के लिए साल 2019 के आम चुनाव के समीकरणों को फिर से दुरुस्त करने की बारी आ गई है। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने पूर्वांचल के काशी क्षेत्र की 14 में से 12 और गोरखपुर क्षेत्र की 13 में से 10 सीटों पर जीत दर्ज की थी।

इन दिनों पूर्वांचल में शिवपाल

दरअसल, 2024 के आम चुनाव में भाजपा को अपने गढ़ में तीन बड़े नेताओं का मुकाबला करना पड़ेगा। आजमगढ़ से समाजवादी पार्टी के नेता और विधायक शिवपाल सिंह यादव के चुनाव लड़ने की खबर है। शिवपाल इन दिनों पूर्वांचल में ही डेरा जमाए हुए हैं। इसके अलावा समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव वाराणसी का दौरा कर पूर्वांचल में पार्टी की पेंच टाइट करने की कोशिश में लगे हुए हैं। दूसरी तरफ यूपी कांग्रेस के मौजूदा चीफ अजय राय एक ओर जहां वाराणसी से ताल ठोंक रहे हैं तो वहीं पूर्वांचल में भी उनका प्रभाव माना जाता रहा है।

बसपा भी पूर्वांचल में मजबूत

साथ ही बहुजन समाज पार्टी भी पूर्वांचल में जोर आजमाइश में लगी है। आकाश आनंद को अन्य राज्यों की जिम्मेदारी सौंपने के बाद बसपा प्रमुख मायावती ने यूपी पर पूरा फोकस लगा दिया है। पूर्वांचल में बसपा ने जौनपुर तथा घोसी की सीटें जीती थीं। बसपा की कोशिश है कि वो एक ओर जहां इन सीटों पर दोबारा जीत दर्ज करे वहीं अन्य सीटों पर भी दमखम के साथ विपक्षी पार्टियों का सामना करे। अब ये देखना दिलचस्प होगा कि बीजेपी, कांग्रेस, सपा और बसपा की रणनीतियों का मुकाबला करते हुए अपने पेंच कैसे दुरुस्त करेगी।

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