पटना. बिहार में मोकामा विधानसभा सीट के बाहुबली विधायक अनंत सिंह के महागठबंधन में जाने की अटकलों को करारा झटका लगा है. राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव ने साफ कहा कि ऐसे लोगों के लिए महागठबंधन में कोई जगह नहीं है. तेजस्वी ने छोटे सरकार से नाम से मशहूर अनंत सिंह को बैड एलिमेंट करार देते हुए कहा कि हमारे पार्टी में ऐसे लोगों के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए. जो हमारी विचारधारा है उससे विपरित उनकी विचारधारा है. जो बैड एलिमेंट है उनको कतई पार्टी में नहीं आने देंगे. जो सामाजिक न्याय का विरोधी है उसका पार्टी में स्वागत नहीं होना चाहिए. तेजस्वी से पहले गुरुवार को लालू प्रसाद यादव के बड़े पुत्र तेज प्रताप यादव ने भी अनंत सिंह का विरोध किया था. तेजस्वी ने यह बयान बिहार से डिजिटल मीडिया हाउस लाइव सिटीज से बात-चीत में की.
बताते चले कि अनंत सिंह मुंगेर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके हैं. बिहार की राजनीतिक फिजां में ऐसी चर्चा थी कि अनंत सिंह को महागठबंधन से टिकट मिलेगा. हाल ही में अनंत सिंह जब दिल्ली से पटना एयरपोर्ट पर पहुंचे थे तब उनके समर्थकों ने राहुल गांधी जिंदाबाद के नारे लगाए थे. कयास लगाए जा रहे थे कि कांग्रेस अनंत सिंह को मुंगेर से अपना प्रत्याशी बना सकती है. लेकिन तेजस्वी के दो-टूक बयान के बाद अब इसकी संभावनाएं समाप्त मानी जा रही है. गौरतलब हो कि मुंगेर लोकसभा सीट बिहार की हाईप्रोफाइल सीट है. इस समय यहां से सूरजभान सिंह की पत्नी वीणा देवी लोजपा के टिकट पर सांसद हैं.
लोकसभा चुनाव 2019 में मुंगेर सीट से भाजपा-जदयू-लोजपा गठबंधन की ओर से नीतीश कुमार सरकार के दिग्गज मंत्री ललन सिंह के चुनाव लड़ने की चर्चा है. बिहार सरकार में नंबर दो की हैसियत रखने वाले ललन सिंह के इस सीट को खाली कराने की बात भी की जा रही है. मिली जानकारी के अनुसार मुंगेर की मौजूदा सांसद वीणा देवी को नवादा लोकसभा सीट दिया जा सकता है और नवादा सीट से मौजूदा सांसद और मोदी कैबिनेट में मंत्री गिरिराज सिंह को बेगूसराय सीट पर भेजे जाने की चर्चा तेज है.
महागठबंधन से टिकट नहीं मिलने की संभावना खत्म होने के बाद अनंत सिंह निर्दलीय चुनावी मैदान में उतर सकते हैं. यदि ऐसा होता है तो बीजेपी गठबंधन को नुकसान होने की बात की जा रही है. बता दें कि अनंत सिंह जिस जाति से आते हैं वो बीजेपी का कोर वोटर माना जाता है. ऐसी दशा में जब मुंगेर सीट से इसी जाति के दो दिग्गज (अनंत सिंह और ललन सिंह) आमने-सामने होंगे तो निश्चित तौर पर वोटों का बिखराव होगा. जो महागठबंधन प्रत्याशी की चुनौती को आसान बना देगा.
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