Loksabha Election 2019: गुजरात पटेल आरक्षण आंदोलन के नेता और पाटीदार आंदोलन समिति के अध्यक्ष हार्दिक पटेल कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए हैं. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कार्यसमिति की बैठक के दौरान उनका पार्टी में स्वागत किया. हार्दिक पटेल का गुजरात के पाटीदार समुदाय पर काफी प्रभाव है जिसका असर लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा पर पड़ सकता है.
गांधीनगर. लोकसभा चुनाव से पहले गुजरात में पाटीदार अमानत आंदोलन समिति के अध्यक्ष हार्दिक पटेल ने कांग्रेस का हाथ थाम लिया है. राहुल गांधी ने गुजरात में हुई कांग्रेस कार्यसमिति बैठक में हार्दिक का पार्टी में स्वागत किया. इस दौरान मंच पर सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे समेत कई दिग्गज नेता मौजूद थे. कुछ समय पहले हार्दिक पटेल ने कांग्रेस में शामिल होने का संकेत दिया था, जिसके बाद राजनीतिक गलियारों में तरह-तरह की चर्चा शुरू हो गई थीं. अब सवाल उठता है कि क्या हार्दिक पटेल का कांग्रेस में शामिल होना गुजरात में पीएम नरेंद्र मोदी की भाजपा को नुकसान पहुंचा सकता है?
हार्दिक पाटीदारों के युवा नेता लेकिन गुजरात नरेंद्र मोदी का गढ़
गुजरात में पटेल आरक्षण आंदोलन की शुरूआत करने वाले पाटीदार नेता हार्दिक पटेल का प्रभाव राज्य की सभी पर तो नहीं लेकिन कई पाटीदार बहुल्य सीटों पर जरूर है. यूं तो 2017 में हुए चुनाव में भाजपा की पाटीदार वोट बैंक पर पकड़ सही रही लेकिन कहीं न कहीं हार्दिक पटेल से उन्हें नुकसान भी पहुंचा.
गुजरात में पाटिदार कुल आबादी करीब 12 प्रतिशत है और राज्य के बड़ी सीटों पर उनका प्रभाव पड़ता है. राज्य में पहले पाटीदार बीजेपी का मजबूत वोट बैंक रहा है लेकिन जब से 26 साल के युवा हार्दिक रणभूमी में आए हैं, तब से पाटीदार वोट बंटता हुआ नजर आने लगा है.
सूबे के विधानसभा चुनाव में भी हार्दिक पटेल ने काफी प्रचार किया. उनके सभी रोड शो में भारी संख्या में भीड़ भी एकजुट हुई लेकिन इसका ज्यादा असर चुनाव नतीजों पर नहीं पड़ा. हालांकि पहले के मुकाबले बीजेपी को पाटीदार वोट बैंक से थोड़ा नुकसान उठाना पड़ा, जिसका असर लोकसभा चुनाव में भी देखने को मिल सकता है.
गुजरात में कांग्रेस विपक्ष में लेकिन पहले से ज्यादा पकड़ मजबूत
गुजरात वो राज्य है, जिसकी सत्ता करीब 15 साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथ बतौर सूबे के मुख्यमंत्री के तौर पर रही. साल 2017 विधानसभा चुनाव तक बीजेपी का राज्य में अच्छा असर दिखता था. लेकिन इन चुनाव में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी कमर कस ली और जमकर चुनाव प्रचार करना शुरू किया.
चुनावी प्रचार में राहुल गांधी मंदिर-मंदिर घूमे, लोगों से मिले लेकिन सफल नहीं हो सके. राहुल गांधी की अध्यक्षता में ये पहला चुनाव था. राहुल अपनी पार्टी को जीत तो नहीं दिला सके लेकिन चुनाव के नतीजों में कांग्रेस का रिजल्ट पहले से काफी बेहतर रहा.
सत्ता की चाबी बीजेपी के हाथ में गई तो कांग्रेस पार्टी ने भी राज्य में वोट बैंक में इजाफा कर लिया. 2019 लोकसभा चुनाव के लिए भी कांग्रेस जी तोड़ महनत कर रही है. इस दौरान गुजरात के सबसे बड़े पाटीदार नेता हार्दिक पटेल का कांग्रेस में शामिल होना अच्छा साबित हो सकता है. हालांकि स्थिति तो 23 मई को चुनाव के नतीजे आने के बाद ही साफ होगी.