नई दिल्ली : New Delhi कोरोना वायरस की तीसरी लहर पहले दो की तुलना में पांच गुना तेजी से फैल रही है. देश के सात राज्यों में इसकी स्थिति घातक है. ओमिक्रॉन की सक्रियता को देखते हुए ये कयास लगाए जा रहे हैं,कि क्या देश में तीसरा लॉकडाउन Lockdown लगाया जाएगा. देश में अबतक सात […]
कोरोना वायरस की तीसरी लहर पहले दो की तुलना में पांच गुना तेजी से फैल रही है. देश के सात राज्यों में इसकी स्थिति घातक है. ओमिक्रॉन की सक्रियता को देखते हुए ये कयास लगाए जा रहे हैं,कि क्या देश में तीसरा लॉकडाउन Lockdown लगाया जाएगा. देश में अबतक सात राज्यों की R वैल्यू तीन के ऊपर बताई जा रही है, यानि यहां कोरोना का कहर बरपाना तय है. अगर पहले के दो लॉकडाउन पर गौर करें तो इस बार की हालत ज्यादा भयावह हो चली है. ऐसे में बड़ा सवाल है कि क्या वाकई में देश तीसरे लॉकडाउन की कगार पर पहुंच गया है? या सरकार लॉकडाउन Lockdown लगाने की तैयारी में है. आखिर इस बार कोरोना से निपटने के लिये सरकार की रणनीति और तैयारी क्या है?
इस बार की तैयारियों को लेकर डाक्टरों और विशेषज्ञों का कहना है. कि पहले की अपेक्षा में इस बार का स्वास्थ्य ढ़ांचा काफी मजबूत हुआ है. आज की तारीख में लगभग 18 लाख से ऊपर आइसोलेशन बेड के इंतजाम कर लिये गए हैं. इसके अलावा सवा लाख आइसीयू बेड मौजूद हैं. तीन हजार से भी ज्यादा ऑक्सीजन के प्लांट हैं. इन प्लांटों की ऑक्सीजन उत्पादन करने की क्षमता 3,783 मीट्रिक टन है, इसके अलावा 150 करोड़ से ऊपर वैक्सिनेशन डोज लगाई जा चुकी है. इन तैयारियों को देखते हुए कठोर लॉकडाउन की स्थिति कम ही बताई जा रही है. अगर बहुत हालत खराब भी होती है तो कुछ राज्यों में लॉक डाउन की संभावना जताई जा रही है.
लॉक डाउन का फॉर्मूला और मौजूदा स्थिति
लॉकडाउन लगने की संभावनाओं पर विचार करें तो मौजूदा वक्त में आ रहे मामलों के बराबर इतनी तेजी पहले कभी नहीं देखी गई. सरकार के पहले लॉकडाउन के फर्मूले के हिसाब से चलें तो अबतक लॉक डाउन लगा देना चाहिए. इस दौरान कोरोना संक्रमितों के मामले में 18 गुना ज्यादा वृद्धि दर्ज की गई है. फिर भी हालात अभी काबू में है, और राहत की खबर यह भी है कि अस्पतालों में मरीजों की संख्या पहले की अपेक्षा कम है.