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आइसोलेशन वार्ड, ICU बेड्स और वेंटिलेटर… H3N2 वायरस को लेकर LNJP ने किए इंतजाम

नई दिल्ली: देशभर में इस समय H3N2 वायरस के केस तेजी से बढ़ रहे हैं. केंद्र सरकार इस समय अलर्ट मोड पर है. दिन प्रतिदिन इस वायरस से दम तोड़ने वालों की संख्या भी बढ़ती जा रही है. मंगलवार(14 मार्च) को भी गुजरता के वडोदरा में एक महिला ने दम तोड़ दिया. महिला की उम्र […]

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आइसोलेशन वार्ड, ICU बेड्स और वेंटिलेटर… H3N2 वायरस को लेकर  LNJP ने किए इंतजाम
  • March 14, 2023 3:58 pm Asia/KolkataIST, Updated 2 years ago

नई दिल्ली: देशभर में इस समय H3N2 वायरस के केस तेजी से बढ़ रहे हैं. केंद्र सरकार इस समय अलर्ट मोड पर है. दिन प्रतिदिन इस वायरस से दम तोड़ने वालों की संख्या भी बढ़ती जा रही है. मंगलवार(14 मार्च) को भी गुजरता के वडोदरा में एक महिला ने दम तोड़ दिया. महिला की उम्र 58 वर्ष थी जो वडोदरा के SSG अस्पताल में भर्ती थीं. दूसरी ओर कोरोना काल में लंबी लड़ाई लड़ने वाले देश के सभी अस्पतालों ने भी H3N2 वायरस से जंग लड़ने की तैयारियां शुरू कर दी हैं. इसी कड़ी में LNJP अस्पताल ने भी इलाज के सभी इंतज़ाम कर लिए हैं.

क्या हैं तैयारियां ?

अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. सुरेश कुमार ने एक समाचार चैनल को बताया कि इलाज के लिए अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड का सेटअप किया गया है. इसके अलावा ICU बेड्स, बाईपैप्स, ऑक्सीजन बेड्स और वेंटिलेटर आदि भी रिज़र्व किए गए हैं. मरीज़ों का इलाज करने के लिए अलग से 15 डॉक्टरों की भी तैनाती की गई है. इसमें विशेषज्ञों की भी टीम शामिल हैं. आगे उन्होंने बताया कि जनवरी में लगभग 1200 मरीजों का OPD में इलाज चल रहा था. इस महीने ये आंकड़ा बढ़कर 1600 मरीज प्रतिदिन हो गया है. बच्चों की OPD में भी मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है.

इस तरह हो सकता है इलाज

आगे उन्होंने बताया कि H3N2 वायरस की पहचान के लिए RT-PCR टेस्ट किया जाता है. इसी कड़ी में यदि किसी मरीज में लक्षण पाया जाता है तो LNJP अस्पताल NCDC और निर्धारित लैब में सैंपल भेजने की तैयारी की है. बता दें, इसके इलाज में एंटी बायोटिक दवाइयों का कोई रोल नहीं हैं. वायरस की चपेट में आने पर मरीज को खुद को आइसोलेट करने की सलाह दी जाती है.

 

कमजोर इम्यूनिटी वालों के लिए खतरा

बता दें कि, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी सोमवार को हेल्थ एक्सपर्ट्स के साथ H3N2 इन्फ्लूएंजा के बढ़ते मामलों पर चर्चा करने के लिए एक बैठक की। जिसमें एक्सपर्ट्स ने कहा कि देश में कोरोना के मामले तो कम हुए हैं, लेकिन फ्लू के मामलों में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। यह फ्लू कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों के लिए बेहद खतरनाक हो सकता है। उन्होंने इससे बचने के लिए लोगों को भीड़भाड़ वाले स्थानों पर मास्क पहनकर जाने की सलाह दी है।

संक्रमितों में दिखाई दे रहे हैं ऐसे लक्षण

मेदांता अस्पताल के आंतरिक चिकित्सा विभाग के सीनियर डायरेक्टर सुशाली कटारिया ने बताया कि इन्फ्लुएंजा-ए वायरस के H3N2 स्ट्रेन से संक्रमित मरीजों को दो से तीन दिनों तक तेज बुखार रहता है। इसके साथ ही शरीर में दर्द, गले में जलन और लगातार दो हफ्ते तक खांसी होती है। वहीं, फ्लू की वजह से सीने में जकड़न और वायरल इंफेक्शन के मामले भी देखे जा रहे हैं।

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